Plastic Road in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत पूरे राज्य में सड़कों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार ने नई तकनीक अपनाने का फैसला किया है। अब सड़कों को पारंपरिक डामर (बिटूमिन) से नहीं, बल्कि प्लास्टिक मिक्स्ड पीएमबी (पॉलीमर बिटूमिन मेंब्रेंस) और रबर युक्त सीआरएमबी (क्रंब रबर मोडिफाइड बिटूमिन) से बनाया जाएगा। यह नई तकनीक सड़कों को अधिक मजबूत बनाएगी, जिससे वे न गर्मियों में पिघलेंगी और न ही बारिश में उखड़ेंगी।
क्या है नई तकनीक?
- पीएमबी (पॉलीमर बिटूमिन मेंब्रेंस): यह एक विशेष प्रकार का डामर है, जिसमें पॉलीमर मिलाया जाता है, जिससे यह अधिक लचीला और टिकाऊ बनता है।
- सीआरएमबी (क्रंब रबर मोडिफाइड बिटूमिन): इसमें पुराने टायरों के रबर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सड़कें अधिक मजबूत होती हैं और उनका जीवनकाल बढ़ जाता है।
- सामान्य डामर की तुलना में 40-50°C तक गर्मी सह सकता है और पानी से खराब नहीं होता।
नई तकनीक से क्या फायदे होंगे?
गर्मी में नहीं पिघलेगा – पारंपरिक डामर 40-50 डिग्री तापमान में पिघलने लगता है, लेकिन नया बिटूमिन ऐसी समस्याओं को रोकेगा।
बारिश से कोई नुकसान नहीं – यह पानी को सोखता नहीं है, जिससे सड़कें बारिश में खराब नहीं होंगी।
सड़कों की लाइफ बढ़ेगी – सामान्य बिटूमिन की तुलना में यह अधिक समय तक चलेगा।
पर्यावरण के अनुकूल – पुराने टायरों के रबर का उपयोग होने से प्लास्टिक और रबर का सही इस्तेमाल होगा, जिससे प्रदूषण कम होगा।
दुर्घटनाएं कम होंगी – सड़क की पकड़ (ग्रिप) अच्छी होगी, जिससे वाहन फिसलेंगे नहीं और सड़क पर ट्रैफिक सुरक्षित रहेगा।
हाईवे, एक्सप्रेसवे और ब्रिज पर उपयोगी – यह तकनीक हाई ट्रैफिक सड़कों, एयरपोर्ट रनवे, फ्लाईओवर और ब्रिज डेक के लिए उपयुक्त है।
नई तकनीक के सामने क्या चुनौतियां हैं?
मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सड़क निर्माण के लिए केवल राष्ट्रीयकृत ऑयल कंपनियों से ही डामर खरीदने का नियम बनाया है। हालांकि, पीएमबी और सीआरएमबी की खरीदी के लिए अभी तक कोई ठोस गाइडलाइन नहीं बनी है, जिससे लोकल कंपनियों की भागीदारी को लेकर संदेह बना हुआ है।
बिटूमिन के प्रकार और उनके उपयोग
बिटूमिन पेट्रोलियम अवशेषों से तैयार किया जाता है और इसकी विभिन्न श्रेणियां होती हैं:
- वीजी-10: स्थानीय सड़कों के लिए
- वीजी-30: मुख्य सड़कों के लिए
- वीजी-40: भारी ट्रैफिक वाली सड़कों के लिए
- पीएमबी और सीआरएमबी: अधिक मजबूती और टिकाऊपन के लिए
नए नियम और पारदर्शिता
कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की रिपोर्ट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण में 414 करोड़ रुपये की अनियमितताओं की ओर संकेत किया गया था। इसके बाद सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि सड़क निर्माण में केवल विश्वसनीय स्रोतों से सामग्री खरीदी जाए।