पैंगोलिन दुनिया के सबसे अनोखे और दुर्लभ स्तनधारियों में से एक है, लेकिन यह बड़े पैमाने पर अवैध शिकार और तस्करी के कारण खतरे में है। हर साल फरवरी के तीसरे शनिवार को विश्व पैंगोलिन दिवस मनाया जाता है, ताकि इस छोटे, शल्कदार जीव के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और इसे बचाने की प्रतिबद्धता जताई जा सके।
पैंगोलिन क्यों खास है?
पैंगोलिन पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनकी सबसे अनोखी विशेषता यह है कि वे दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी किए जाने वाले जंगली जानवर हैं। पारंपरिक चिकित्सा में उनके मांस और शल्कों का उपयोग किया जाता है, जिससे उनकी अवैध तस्करी बढ़ती जा रही है।
पैंगोलिन तस्करी के चौंकाने वाले आंकड़े
- इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर (IFAW) के मुताबिक, 2021 में 23.5 टन पैंगोलिन और उनके शरीर के अंगों की तस्करी की गई।
- अनुमान है कि पिछले 10 वर्षों में 10 लाख से अधिक पैंगोलिन का अवैध शिकार किया गया।
- इन्हें एशिया के पारंपरिक दवा बाजार और अफ्रीका के बुशमीट बाजारों में बेचा जाता है।
पैंगोलिन प्रजातियों पर संकट
अवैध शिकार और व्यापार के कारण कई पैंगोलिन प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं। विशेष रूप से मलायन पैंगोलिन (Manis javanica) और चीनी पैंगोलिन (Manis pentadactyla) गंभीर संकट में हैं। ये दोनों प्रजातियां IUCN की लाल सूची में गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered) के रूप में सूचीबद्ध हैं।
पैंगोलिन का पारिस्थितिक महत्व
- प्राकृतिक कीट नियंत्रक: एक पैंगोलिन हर साल लगभग 7 करोड़ चींटियां और दीमक खाता है। इससे जंगलों और फसलों को कीटों से बचाने में मदद मिलती है।
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है: पैंगोलिन जब बिल खोदता है, तो मिट्टी के पोषक तत्वों का संचलन होता है, जिससे यह अधिक उपजाऊ बनती है।
- पर्यावरण संतुलन बनाए रखता है: अगर पैंगोलिन की संख्या घटती है, तो कीटों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है, जिससे कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र को भारी नुकसान हो सकता है।
चीन की नई नीति और उसके प्रभाव
हाल ही में, चीन ने औषधीय उपयोग के लिए पैंगोलिन के शल्कों का कोटा घटाकर 1 मीट्रिक टन कर दिया है। हालांकि यह पहले की तुलना में कम है, लेकिन यह पैंगोलिन संरक्षण के लिए पर्याप्त नहीं है। चीन दुनिया में पैंगोलिन उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, और इसका आयात जारी रहना अवैध तस्करी को बढ़ावा दे सकता है।
क्या हो सकते हैं समाधान?
- सख्त कानून और कड़ी सजा: अवैध शिकार और तस्करी को रोकने के लिए कड़े कानून लागू किए जाएं।
- जागरूकता अभियान: पैंगोलिन के संरक्षण के लिए स्थानीय समुदायों और आम जनता को शिक्षित किया जाए।
- संरक्षित क्षेत्र बढ़ाना: पैंगोलिन के प्राकृतिक आवासों को अधिक सुरक्षित किया जाए।
- अल्टरनेटिव मेडिसिन को बढ़ावा देना: पारंपरिक औषधीय उपयोग के लिए पैंगोलिन के शल्कों के विकल्प खोजे जाएं।
- वैश्विक सहयोग: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण संगठनों और सरकारों को मिलकर काम करना होगा।