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पाकिस्तान: खेती में बदलाव से छिपी भूख मिटाने की कोशिश

by kishanchaubey
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Hidden Hunger : पाकिस्तान इस समय बढ़ती गरीबी, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के गंभीर संकट का सामना कर रहा है। छिपी भूख (हिडन हंगर) से जुड़े आंकड़े स्थिति की गंभीरता को उजागर करते हैं। यह समस्या तब होती है जब लोग अपनी दैनिक ऊर्जा की जरूरतें पूरी तो कर लेते हैं, लेकिन उनके आहार में विटामिन और खनिजों जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है।

खेती और छिपी भूख का संबंध

छिपी भूख का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों का भोजन मुख्यतः कम पोषण वाले सस्ते खाद्य पदार्थों, जैसे चावल और गेहूं, पर निर्भर है। फलों, सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मांस और दालों की कमी के कारण जरूरी पोषक तत्व उनकी थाली से गायब हैं। ऐसे में खेती को पोषण सुरक्षा का केंद्र बनाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

जैव सुदृढ़ीकरण (बायोफोर्टिफिकेशन): खेती से पोषण बढ़ाने का तरीका

जैव सुदृढ़ीकरण एक नई और टिकाऊ पहल है, जिसके जरिए फसलों को उगाने के समय ही पोषक तत्वों से भरपूर बनाया जाता है। जैसे:

  1. जिंक युक्त गेहूं: पाकिस्तान में ‘अकबर 2019’ नामक जिंक युक्त गेहूं की किस्म पेश की गई है, जिसे किसानों ने बड़े पैमाने पर अपनाया है।
  2. गोल्डन राइस: यह चावल विटामिन ए से भरपूर है।
  3. लोहा युक्त दालें और गुणवत्ता प्रोटीन युक्त मक्का: ये फसलें भी कुपोषण से लड़ने में सहायक हो सकती हैं।

खेती के जरिए समाधान का रास्ता

छिपी भूख को खत्म करने के लिए खेती को पोषण और स्वास्थ्य के साथ जोड़ा जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

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  1. जैव सुदृढ़ फसलों का प्रसार: सरकार और निजी संस्थानों को मिलकर जैव सुदृढ़ फसलों की नई किस्मों को बढ़ावा देना चाहिए।
  2. किसानों के लिए प्रशिक्षण: किसानों को बेहतर खेती तकनीक और जैव सुदृढ़ फसलों के फायदों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
  3. कृषि अनुसंधान में निवेश: पोषण युक्त फसलों की खोज और उनकी गुणवत्ता में सुधार के लिए अनुसंधान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  4. स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण: जैव सुदृढ़ फसलों को स्थानीय मिलों और खाद्य उद्योगों तक पहुंचाया जाए, ताकि उनका लाभ सभी लोगों तक पहुंचे।

खेती आधारित सफल पहल

पाकिस्तान में पहले से कुछ प्रयास किए गए हैं, जैसे:

  • पांच साल का फूड फोर्टिफिकेशन प्रोग्राम (2016): इस योजना के तहत गेहूं के आटे और खाने के तेल में आवश्यक पोषक तत्व मिलाए गए।
  • पंजाब का स्कूल पोषण कार्यक्रम: दक्षिण पंजाब के तीन जिलों (मuzaffargarh, Rajanpur, और Dera Ghazi Khan) में 0.4 मिलियन बच्चों को पोषण युक्त दूध दिया जा रहा है।

खेती आधारित समाधान क्यों जरूरी है?

37.5 मिलियन लोग पाकिस्तान में कुपोषण का शिकार हैं, जिससे देश की जीडीपी का 3% (करीब 7.6 बिलियन डॉलर) सालाना नुकसान हो रहा है। जैव सुदृढ़ीकरण और पोषण केंद्रित खेती न केवल छिपी भूख का समाधान करेगी, बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में भी मददगार होगी।

खेती में पोषण का यह दृष्टिकोण पाकिस्तान के लिए एक उज्जवल और स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर सकता है। सरकार, किसान और आम जनता के समन्वित प्रयास से यह सपना हकीकत बन सकता है।

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