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कोरोना वायरस की उत्पत्ति: डब्ल्यूएचओ का दावा, चमगादड़ से फैलने की संभावना प्रबल

by kishanchaubey
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Corona Virus: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर दी ऑरिजिंस ऑफ नोवल पेथागेन्स (सागो) ने कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) की उत्पत्ति को लेकर अपनी नई रिपोर्ट जारी की है। इस समूह में 27 देशों के स्वतंत्र वैज्ञानिक शामिल हैं, जो पिछले तीन वर्षों से इस सवाल की जांच कर रहे हैं कि क्या यह वायरस किसी जानवर से इंसानों में फैला या किसी प्रयोगशाला से गलती से बाहर निकला।

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ नई जानकारियां सामने आई हैं, लेकिन कई महत्वपूर्ण सूचनाओं का अभाव अब भी बना हुआ है। उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर यह संभावना जताई गई है कि वायरस संभवतः किसी जंगली जानवर, विशेषकर चमगादड़, या किसी मध्यवर्ती जानवर के माध्यम से इंसानों तक पहुंचा। हालांकि, प्रयोगशाला से दुर्घटनावश लीक होने की संभावना को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया गया है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयेसस ने प्रेस बयान में कहा, “यह एक जटिल वैज्ञानिक कार्य रहा है, लेकिन अभी भी सभी संभावनाएं खुली हैं। हम चीन और अन्य देशों से अपील करते हैं कि वे महामारी की शुरुआत से संबंधित जानकारी, जैसे संक्रमित लोगों के जीवन-कोषों का डेटा, वुहान की मंडियों में बिकने वाले जानवरों का विवरण और प्रयोगशालाओं की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी सूचनाएं साझा करें। यह वैश्विक स्वास्थ्य के हित में है ताकि भविष्य में ऐसी महामारियों को रोका जा सके।”

सागो ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 52 बैठकें कीं, कई शोध पत्रों और प्रत्यक्ष अनुभवों का अध्ययन किया, साथ ही वैज्ञानिकों, पत्रकारों और सरकारी अधिकारियों से चर्चा की। सागो की अध्यक्ष डॉ. मरीत्जी वेंटर ने जोर देकर कहा, “यह केवल वैज्ञानिक खोज नहीं, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी भी है। वायरस की उत्पत्ति और इसके वैश्विक प्रसार को समझना भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक है।”

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रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने चीन से बार-बार अनुरोध किया था कि वह महामारी के शुरुआती दिनों की जानकारी, विशेष रूप से वुहान की मंडियों और प्रयोगशालाओं से संबंधित डेटा साझा करे, लेकिन चीन ने अभी तक यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।

कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच का प्रस्ताव वर्ष 2020 के अंत में विश्व स्वास्थ्य महासभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसके बाद 2021 में डब्ल्यूएचओ ने सागो का गठन किया, जिसे दो मुख्य जिम्मेदारियां सौंपी गईं: पहला, नए और पुनर्जनन करने वाले रोगों की उत्पत्ति की जांच के लिए एक ढांचा विकसित करना, और दूसरा, उसी ढांचे का उपयोग कर कोविड-19 की उत्पत्ति का अध्ययन करना।

डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया है कि यह जांच अभी पूरी नहीं हुई है। भविष्य में यदि कोई नई जानकारी सामने आती है, तो सागो उसका गहन विश्लेषण करेगा। संगठन ने सभी देशों से सहयोग की अपील की है ताकि इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के मूल कारणों को समझा जा सके और भविष्य में ऐसी महामारियों से बचा जा सके।

कुछ अन्य स्रोतों में दावा किया गया है कि वायरस के वुहान की प्रयोगशाला से लीक होने की संभावना अधिक हो सकती है। उदाहरण के लिए, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने हाल ही में एक आकलन में कहा कि कोविड-19 संभवतः चीन की किसी रिसर्च लैब से लीक हुआ। हालांकि, ये दावे अभी तक पुख्ता सबूतों पर आधारित नहीं हैं और वैज्ञानिक समुदाय में इस पर बहस जारी है।

सागो की रिपोर्ट ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए और अधिक डेटा और पारदर्शिता की आवश्यकता है। यह न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान का विषयmember: विषय है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

नोट: यह खबर उपलब्ध जानकारी और सागो की हालिया रिपोर्ट पर आधारित है। नए सबूतों के सामने आने पर इस विषय पर और स्पष्टता आ सकती है।

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