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दक्षिण अफ्रीका में केवल 13% सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मानकों पर खरे

by kishanchaubey
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दक्षिण अफ्रीका में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (गंदे पानी को साफ करने वाले संयंत्रों) की हालत बेहद खराब है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, देश के केवल 13% सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (150 में से 20) ही पानी को साफ करके उसे नदी या अन्य जलस्रोतों में छोड़ने के लिए तय न्यूनतम मानकों का पालन कर रहे हैं। यह आंकड़ा पिछले साल से और भी खराब हुआ है। 2023 में 81% प्लांट मानकों पर खरे नहीं उतरते थे, जबकि अब यह आंकड़ा बढ़कर 87% हो गया है।

क्या है ‘ग्रीन ड्रॉप’ और ‘ब्लू ड्रॉप’ टेस्ट?
यह रिपोर्ट अफ्रीफोरम (AfriForum) नामक गैर-लाभकारी संस्था ने जारी की है।

ग्रीन ड्रॉप टेस्ट: यह गंदे पानी को साफ करके जलस्रोतों में छोड़े जाने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच करता है।
ब्लू ड्रॉप टेस्ट: यह पीने के पानी की गुणवत्ता को परखता है।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की खराब स्थिति का असर
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की खराब स्थिति के कारण नदियों और जलस्रोतों में गंदगी बढ़ रही है।
इससे जल उपचार संयंत्रों (Water Treatment Plants) की क्षमता भी कम हो गई है, जिससे साफ पीने का पानी उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है।
पीने के पानी की स्थिति
रिपोर्ट के मुताबिक, 87% पीने का पानी अभी भी सुरक्षित है।
हालांकि, यह आंकड़ा 2023 में 96% था, जो अब 9% घट गया है।
दक्षिण अफ्रीका के 28 शहरों और कस्बों में पीने का पानी असुरक्षित घोषित किया गया है।
पिछले साल की तुलना में स्थिति और खराब
2023 में दक्षिण अफ्रीका के जल और स्वच्छता विभाग ने एक ऐसी ही रिपोर्ट जारी की थी। लेकिन स्थिति में सुधार की बजाय यह और बिगड़ गई है।

2024 में: 210 शहरों और कस्बों के पीने के पानी का परीक्षण किया गया।
2023 में: यह संख्या 193 थी।
इसी तरह, 150 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का परीक्षण किया गया, जो 2023 में 140 थे।
समस्याएं क्यों बढ़ रही हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में जल और स्वच्छता प्रबंधन में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।

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स्थानीय नगरपालिकाएं, जो जल और स्वच्छता सेवाओं के लिए जिम्मेदार हैं, अपने काम में लगातार विफल हो रही हैं।
मौजूदा ढांचे को ठीक से बनाए रखना, वित्तीय प्रबंधन करना और नए ढांचे का निर्माण करना पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
राज्य और प्रांतीय सरकारें भी स्थानीय प्रशासन को सुधारने में असफल रही हैं।
क्या करना होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि जल संकट से निपटने के लिए:

स्थानीय, प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर की सरकारों के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है।
निजी क्षेत्र और सामुदायिक संगठनों को भी इस समस्या के समाधान में शामिल करना होगा।
पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना और नए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना बेहद जरूरी है।
जल संरक्षण और प्रबंधन की ठोस योजनाएं लागू करनी होंगी।
दक्षिण अफ्रीका में जल और स्वच्छता प्रबंधन की स्थिति चिंताजनक है। यदि सरकार, निजी क्षेत्र और समुदाय मिलकर समय पर कदम नहीं उठाएंगे, तो यह संकट और गहरा सकता है। साफ पानी हर नागरिक का अधिकार है, और इसे बचाने के लिए तत्काल उपाय करना जरूरी है।

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