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उत्तराखंड में सौर ऊर्जा कंपनियों द्वारा पेड़ों की कटाई पर एनजीटी सख्त, रिपोर्ट तलब

by kishanchaubey
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सौर ऊर्जा कंपनियों द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में अधिकारियों को आठ सप्ताह के भीतर एक नई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

NGT की सुनवाई और अगली तारीख

इस मामले की सुनवाई 13 फरवरी 2025 को हुई थी, जिसमें पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर गंभीर चिंता जताई गई। इस पर आगे की सुनवाई 19 मई 2025 को होगी।

कहाँ और कितने पेड़ काटे गए?

  • पेड़ों की कटाई का यह मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के भिकियासेण क्षेत्र के कुणीधार गांव से जुड़ा है।
  • वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 348 चीड़ और बांज के पेड़ अवैध रूप से काटे गए।
  • इससे पहले 23 जुलाई 2024 को दी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि 35 पेड़ काटे गए थे, लेकिन नई रिपोर्ट में यह संख्या कहीं अधिक पाई गई।

पेड़ों की कटाई को लेकर शिकायत और कानूनी कार्रवाई

  • कुणीधार गांव के निवासियों ने इस अवैध कटाई के खिलाफ पत्र याचिका दायर की थी।
  • उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) ने 22 जुलाई 2024 को दायर रिपोर्ट में कहा कि तीन सौर ऊर्जा कंपनियां – बिंदल लेजर हाउस, नॉर्दर्न सोलर एनर्जी और एसआरएन सन एन सोलर एनर्जी – इस परियोजना से जुड़ी हैं।
  • वन विभाग ने 1976 के उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
  • रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है, लेकिन सटीक राशि नहीं बताई गई।

संयुक्त निरीक्षण में हुआ खुलासा

  • 25-26 अक्टूबर 2024 को वन और राजस्व अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया, जिसमें सौर ऊर्जा प्लांट के क्षेत्र में अवैध रूप से काटे गए 348 पेड़ों के अवशेष मिले।
  • रिपोर्ट में कहा गया कि इन पेड़ों की कटाई के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर न केवल 1976 अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए, बल्कि पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई के लिए भी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
  • उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) ने अदालत को सूचित किया कि जिन लोगों/ कंपनियों ने यह अवैध कटाई की है, उन पर पर्यावरणीय जुर्माना लगाया जाएगा।

सरकारी अधिकारियों की कार्रवाई और बयान

  • डीएफओ और अल्मोड़ा के जिला मजिस्ट्रेट के वकील ने बताया कि अधिकारियों द्वारा अवैध कटाई में सौर ऊर्जा कंपनियों की भूमिका की जांच की जाएगी।
  • यदि कंपनियां दोषी पाई गईं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
  • सौर ऊर्जा परियोजनाओं के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वालों पर सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

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