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NGT ने सिक्किम से ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन पर नई रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश

by kishanchaubey
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NGT

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सिक्किम राज्य को एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है, जिसमें यह बताया जाए कि राज्य में ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन कैसे किया जा रहा है। एनजीटी के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की बेंच ने सिक्किम द्वारा दी गई रिपोर्ट में कई खामियां पाई हैं, जिस कारण राज्य को एक सुधारित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत चल रहा है, जिसमें राज्य को ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। एनजीटी ने सिक्किम की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद पाया कि यह रिपोर्ट सही तरीके से कचरे के प्रबंधन की स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रही है।

मुख्य बिंदु:

  1. ठोस कचरे का विवरण: रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि प्रत्येक शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन कितना ठोस कचरा उत्पन्न हो रहा है और उसका प्रसंस्करण कैसे किया जा रहा है। इसके साथ ही, कचरे के प्रबंधन में मौजूद अंतराल के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
  2. कचरे की प्रक्रिया का विवरण: गंगटोक के मार्टम साइट पर एक लाख मीट्रिक टन कचरा जमा है, जिसका उपचार दिसंबर 2025 तक किया जाएगा। हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि इस कचरे को हटाने के बाद कितनी ज़मीन साफ हुई और मिट्टी की गुणवत्ता कैसी है।
  3. सीवेज प्रबंधन की जानकारी: रिपोर्ट में यह भी नहीं बताया गया है कि राज्य के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में कितना सीवेज उत्पन्न हो रहा है और उसके प्रसंस्करण की प्रक्रिया क्या है। रिपोर्ट में गंगटोक के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उल्लेख तो है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि कितने घर इससे जुड़े हैं या कितने घर सेप्टिक टैंक का उपयोग करते हैं।
  4. एसटीपी और एमटीयू का विवरण: सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और मोबाइल ट्रीटमेंट यूनिट (एमटीयू) की कार्यप्रणाली, प्रभावशीलता और उपयोगिता के बारे में रिपोर्ट में कोई जानकारी नहीं दी गई। साथ ही, रिपोर्ट में यह भी नहीं बताया गया कि विकेंद्रीकृत (मॉड्यूलर) एसटीपी का उपयोग उन क्षेत्रों में क्यों नहीं किया जा रहा, जहां आबादी कम है।

एनजीटी ने सिक्किम राज्य को आदेश दिया है कि अगली रिपोर्ट में इन खामियों को दूर किया जाए और ठोस कचरे और सीवेज के प्रबंधन में मौजूद अंतराल और पुराने कचरे का आकलन भी किया जाए।

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यह आदेश 16 जनवरी, 2025 को दिया गया था और 24 जनवरी, 2025 को एनजीटी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर, 2025 को होगी।

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