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NGT की सख्ती: दिल्ली में भूजल दोहन, उत्तराखंड में अवैध पेड़ कटाई पर कार्रवाई के आदेश

by kishanchaubey
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरणीय उल्लंघनों के तीन अलग-अलग मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए जांच और कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। इनमें दिल्ली के मानकपुरा में भूजल के अवैध दोहन, उत्तराखंड के विकासनगर में कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में अवैध स्टोन क्रशर का संचालन शामिल है।

दिल्ली: भूजल के अवैध दोहन पर एनजीटी सख्त

एनजीटी ने 13 मई 2025 को दिल्ली के मानकपुरा में भूजल के अवैध दोहन के मामले को गंभीरता से लेते हुए एक संयुक्त समिति को जांच के निर्देश दिए हैं। यह मामला पानी माफिया से जुड़ा है, जो भूजल का बड़े पैमाने पर दोहन कर व्यावसायिक संस्थानों को बेच रहा है।

शिकायतकर्ता के अनुसार, हेमंत नामक व्यक्ति पिछले 7-8 महीनों से अपने परिसर में अवैध बोरवेल के जरिए रोजाना 5 लाख लीटर से अधिक भूजल निकाल रहा है। उसने अवैध रूप से एक वाटर प्यूरीफिकेशन प्लांट भी स्थापित किया है। शिकायत में दिल्ली पुलिस और जल बोर्ड के कुछ अधिकारियों पर संरक्षण देने का आरोप है। एनजीटी ने दिल्ली पर्यावरण विभाग, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण और दिल्ली जल बोर्ड को जवाब दाखिल करने के साथ-साथ समिति को मौके की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट और सुधारात्मक सुझाव देने का आदेश दिया है।

उत्तराखंड: विकासनगर में कोल्ड स्टोरेज विवाद

उत्तराखंड के विकासनगर मंडी समिति में कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए कथित अवैध पेड़ कटाई का मामला भी एनजीटी के रडार पर है। याचिका में दावा किया गया है कि परियोजना के लिए जरूरी पर्यावरणीय स्वीकृतियां नहीं ली गईं और पेड़ अवैध रूप से काटे गए।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 9 मई 2025 को स्पष्ट किया कि पर्यावरणीय नियमों का पालन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी है। पेड़ों की कटाई के संबंध में, उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 लागू है, लेकिन यह कटाई पर नियंत्रण नहीं करता।

जांच में पता चला कि 32 आम के पेड़ों में से 18 काटे गए, जबकि 14 अभी बचे हैं। उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड ने दावा किया कि 19 नवंबर 2024 को मुख्य बागवानी अधिकारी, देहरादून से 18 पेड़ काटने की अनुमति ली गई थी, और 7 दिसंबर 2024 को कटाई और नीलामी की स्वीकृति मिली थी। एनजीटी ने इस मामले में 28 मार्च 2025 को तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी, जिसके जवाब में संबंधित विभागों ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है।

हिमाचल प्रदेश: सिरमौर में अवैध स्टोन क्रशर पर कार्रवाई

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ग्राम महली में मां वैष्णो स्टोन क्रशर के अवैध संचालन के खिलाफ एनजीटी ने 13 मई 2025 को कड़ा रुख अपनाया। हेमंत कुमार द्वारा दायर याचिका में आरोप है कि क्रशर पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है, जिससे 250 बीघा कृषि भूमि बंजर होने के कगार पर है।

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