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सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना में बदलाव किए हैं। नई ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण के स्तर के अनुसार सख्त नियम लागू किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है।
प्रमुख बदलाव और नए नियम
- स्कूलों में हाइब्रिड लर्निंग अनिवार्य
- प्रदूषण के चौथे चरण (Stage IV) में, यानी जब वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब (Severe) हो जाएगी, तब स्कूल हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में चलेंगे।
- छोटे बच्चों के लिए पहले ही हाइब्रिड लर्निंग लागू की जाएगी, जबकि बड़े बच्चों के लिए यह नियम चौथे चरण में अनिवार्य होगा।
- डीजल और बसों पर सख्ती
- दूसरे चरण (Stage II) में, उन अंतरराज्यीय बसों (Inter-state buses) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी (CNG) या BS-VI मानक पर आधारित नहीं हैं।
- तीसरे चरण (Stage III) में, BS-IV डीजल वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। केवल आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी।
- कार्यालयों में समयबद्धता
- सरकारी और सार्वजनिक कार्यालयों के समय में बदलाव किया जाएगा। इससे लोगों को प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर बाहर निकलने से बचाया जा सकेगा।
- रहवासी इलाकों में विशेष प्रबंध
- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स (RWAs) को यह सुनिश्चित करना होगा कि ठंड के मौसम में जलाने के लिए लकड़ी या अन्य बायोमास का इस्तेमाल न हो। इसके लिए घरों में इलेक्ट्रिक हीटर की सुविधा दी जाएगी।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP के चार चरण
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण के स्तर को चार चरणों में बांटा गया है:
- पहला चरण (Stage I – Moderate to Poor)
- निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय अनिवार्य।
- सड़कों की नियमित सफाई।
- दूसरा चरण (Stage II – Very Poor)
- अंतरराज्यीय बसों पर प्रतिबंध (सिर्फ इलेक्ट्रिक, CNG, और BS-VI डीजल वाहनों को अनुमति)।
- निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर निगरानी।
- तीसरा चरण (Stage III – Severe)
- BS-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध।
- सार्वजनिक कार्यालयों के समय में बदलाव।
- ईंट भट्ठों और गर्म मिक्स प्लांट्स पर रोक।
- चौथा चरण (Stage IV – Severe Plus)
- स्कूल पूरी तरह से हाइब्रिड मोड में चलेंगे।
- सभी गैर-जरूरी वाहन संचालन पर रोक।
- उद्योगों में उत्पादन गतिविधियां बंद।
ठंड के मौसम में प्रदूषण का प्रभाव
हर साल ठंड के मौसम में दिल्ली-एनसीआर की हवा खतरनाक स्तर तक खराब हो जाती है। धुंध, धूल, और पराली जलाने की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार बिगड़ता है। इसके चलते सांस की बीमारी, फेफड़ों का संक्रमण, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं।
सरकार के ये कदम क्यों जरूरी हैं?
- स्वास्थ्य की सुरक्षा: प्रदूषण से हर साल हजारों लोग बीमार पड़ते हैं और कई मौतें होती हैं।
- पर्यावरण की रक्षा: वायु प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है।
- लंबी अवधि की योजना: इन नियमों का उद्देश्य केवल मौजूदा प्रदूषण को रोकना ही नहीं, बल्कि भविष्य में इसे नियंत्रित रखना भी है।
क्या कर सकते हैं आम लोग?
- सार्वजनिक परिवहन (मेट्रो, इलेक्ट्रिक बस) का उपयोग करें।
- अपनी गाड़ियों की नियमित सर्विसिंग करवाएं।
- घरों और कॉलोनियों में कचरा और लकड़ी न जलाएं।
- हवा साफ रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाएं।