Navi Mumbai : दिसंबर के पहले 25 दिनों में नवी मुंबई के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘मध्यम’ से ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जो सुरक्षित सीमा से काफी दूर है।
हर सुबह नवी मुंबई के निवासियों ने आसमान में धुंध की चादर देखी, जो दृश्यता को कम करने के साथ-साथ वायु गुणवत्ता में गिरावट की स्थिति को उजागर कर रही है।
प्रमुख क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित
सायन-पनवेल हाईवे पर यात्रा करने वालों ने दृश्यता में भारी कमी की शिकायत की है। वाशी, ऐरोली और सानपाड़ा जैसे इलाकों में धूल और धुंध का घना आवरण देखा गया। तळोजा और महापे जैसे क्षेत्रों में AQI सबसे खराब रहा, जबकि कोपर-खैराने और वाशी जैसे क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता लगातार सामान्य सीमा से ऊपर रही।
आंकड़े और विशेषज्ञों की राय
रेस्पायर लिविंग साइंसेज के सीईओ रोनक सुतारिया ने कहा कि कुछ स्थानों जैसे कलंबोली और टोंडारे में कुछ दिन ‘अच्छी’ वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, लेकिन ज्यादातर दिन ‘मध्यम’ और ‘खराब’ श्रेणी में रहे। महापे और नेरुल में केवल एक-एक दिन ‘संतोषजनक’ वायु गुणवत्ता दर्ज हुई। दिसंबर में पूरे शहर का AQI 120 से अधिक रहा, जो “संवेदनशील समूहों के लिए अस्वस्थ” मानी जाती है।
वायु प्रदूषण के कारण
1. अनियोजित निर्माण कार्य
पर्यावरणविदों ने बताया कि अनियंत्रित निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन, और वाहनों का धुआं वायु गुणवत्ता खराब होने के मुख्य कारण हैं। नेट-कनेक्ट फाउंडेशन के निदेशक बी एन कुमार ने कहा, “अव्यवस्थित और हड़बड़ी में किए जा रहे विकास कार्यों ने नवी मुंबई की हवा को जहरीला बना दिया है।”
नगर निगम (NMMC) ने हाल ही में 87 निर्माण स्थलों पर निरीक्षण किया और नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया।
2. औद्योगिक प्रदूषण
तळोजा का औद्योगिक क्षेत्र और वाशी का एपीएमसी मार्केट भी वायु प्रदूषण में बड़ा योगदान कर रहे हैं। ट्रकों और औद्योगिक गतिविधियों से होने वाला उत्सर्जन स्थिति को और खराब कर रहा है।
3. धूल और वाहनों का धुआं
बड़े निर्माण परियोजनाएं जैसे नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और हाइवे का विस्तार, सड़कों पर धूल फैलने का मुख्य कारण हैं। निर्माण स्थलों पर बुनियादी नियमों, जैसे गाड़ियों के टायर साफ करना, का पालन नहीं किया जा रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) के उप-क्षेत्रीय अधिकारी अमर दुर्गुले ने कहा, “हम लगातार प्रदूषण नियंत्रण के लिए कदम उठा रहे हैं। औद्योगिक संचालन पर सख्त नजर रखी जा रही है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई हो रही है। हालांकि, धूल के दोबारा उड़ने जैसी समस्याओं को पूरी तरह रोकना मुश्किल है।”
समाधान की जरूरत
नवी मुंबई में वायु प्रदूषण की इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए प्रशासन, उद्योगों, और आम नागरिकों को एकजुट होकर काम करना होगा। सख्त नियम लागू करने, जागरूकता बढ़ाने, और प्रदूषण कम करने के दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देने से ही इस संकट से निपटा जा सकता है।