नलबाड़ी में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 305 तक पहुंच गया है। ओजोन के महीन कणों के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है, और प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा से 400% अधिक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 07 अक्टूबर 2025 के आंकड़ों के अनुसार, नलबाड़ी में प्रदूषण कल के 81 AQI की तुलना में 224 अंकों की भारी वृद्धि के साथ “बेहद खराब” श्रेणी में पहुंच गया है।
देश में वायु गुणवत्ता का हाल
साफ हवा वाले शहर: देश के 39% (91) शहरों में हवा साफ (AQI 0-50) है, जिनमें शिलांग (AQI 10) सबसे साफ रहा। अन्य शहरों में कानपुर, कोल्हापुर, भोपाल, चंडीगढ़, देहरादून, इंदौर, और मैसूर शामिल हैं।
संतोषजनक हवा: 56% (131) शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक (AQI 51-100) रही, जैसे दिल्ली (AQI 72), मुंबई (AQI 54), ग्वालियर (AQI 59), और हैदराबाद (AQI 73)। कल की तुलना में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 25% की वृद्धि हुई।
मध्यम और खराब स्थिति: 5% (11) शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम (AQI 101-200) रही, जिनमें बाड़मेर (AQI 196), गुम्मिडिपूंडी (AQI 150), जालौर (AQI 137), और फरीदाबाद (AQI 108) शामिल हैं। नलबाड़ी (AQI 305) देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा।
प्रमुख शहरों का हाल
दिल्ली: राजधानी में प्रदूषण में कमी आई, AQI 104 से घटकर 72 पर पहुंचा, जो संतोषजनक श्रेणी में है। पिछले कुछ महीनों में दिल्ली की हवा ज्यादातर संतोषजनक रही, लेकिन नवंबर और दिसंबर 2024 में कई दिन “गंभीर” स्तर पर थी।
ग्रेटर नोएडा: कल AQI 166 के साथ सबसे प्रदूषित था, लेकिन आज 114 अंकों के सुधार के साथ AQI 52 पर पहुंच गया।शिलांग: AQI 10 के साथ देश में सबसे साफ हवा वाला शहर। नलबाड़ी की तुलना में शिलांग की स्थिति 30 गुना बेहतर है।
अन्य शहर: बाड़मेर (AQI 196), गुम्मिडिपूंडी (AQI 150), जालौर (AQI 137), विशाखापत्तनम (AQI 125), और धनबाद (AQI 120) प्रदूषण के मामले में शीर्ष दस में हैं।
प्रदूषण के स्रोत
नलबाड़ी में ओजोन के महीन कण हावी हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।
गुम्मिडिपूंडी और बर्नीहाट में PM2.5, जबकि बाड़मेर, जालौर, और फरीदाबाद में PM10 प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है।
कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन भी स्थिति को बिगाड़ रहे हैं।
