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केरल में मानसून की जल्दी दस्तक: 2025 में 24 मई को शुरू, 16 साल का रिकॉर्ड टूटा!

by kishanchaubey
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Kerala Monsoon: केरल में 2025 का दक्षिण-पश्चिम मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दी है। 24 मई को शुरू हुए इस मानसून ने 16 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आइए जानते हैं, इस जल्दी मानसून के पीछे के कारण और इसका असर क्या होगा।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से 1 जून को शुरू होता है। लेकिन इस बार, 24 मई को ही केरल के तटों पर बारिश की जोरदार शुरुआत हुई। यह 2009 के बाद सबसे जल्दी मानसून है, जब मानसून 23 मई को आया था। यह घटना न केवल मौसमी बदलाव को दर्शाती है, बल्कि देश के लिए कई मायनों में अहम है।

जल्दी मानसून के कारण

इस जल्दी मानसून के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं। हिंद महासागर में बढ़ा समुद्री तापमान और मैडन-जूलियन ऑसिलेशन ने नमी से भरी हवाओं को केरल की ओर तेजी से मोड़ा। अरब सागर से उठीं मजबूत मानसूनी हवाएँ और उत्तर-पश्चिम भारत में बना निम्न दबाव क्षेत्र इसके प्रमुख कारक रहे। साथ ही, ला नीना की शुरुआती स्थिति ने मानसून को और ताकत दी। पश्चिमी घाट की भौगोलिक स्थिति ने भी बारिश को जल्दी शुरू करने में मदद की।

प्रभाव और भविष्य

इस जल्दी मानसून का असर व्यापक होगा। किसानों के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि धान और दालों जैसी खरीफ फसलों की बुआई जल्दी शुरू हो सकती है। तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे सूखा-प्रवण क्षेत्रों में जलाशयों का जल स्तर बढ़ेगा, जिससे जल संकट में राहत मिलेगी। हालांकि, कोच्चि और बेंगलुरु जैसे शहरों में भारी बारिश से बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। IMD के अनुसार, मानसून अब तेजी से महाराष्ट्र, गोवा, और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों की ओर बढ़ेगा।

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औपचारिक और प्रेरणादायक समापन

केरल में मानसून की इस जल्दी शुरुआत ने प्रकृति के उत्सव को पहले ही शुरू कर दिया है। यह बारिश नई फसलों, भरे जलाशयों, और हरियाली का वादा लेकर आई है, लेकिन शहरी इलाकों को बाढ़ के लिए तैयार रहना होगा। हम आपके लिए ऐसी ही ताजा खबरें लाते रहेंगे। तब तक, बारिश का आनंद लें और सुरक्षित रहें।

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