इवाते, जापान: जापान के उत्तर-पूर्वी तटीय इलाके इवाते में एक भीषण आग लगने के बाद दमकलकर्मी और बचाव दल राहत कार्य में जुटे हुए हैं। इस आग ने अब तक दर्जनों घरों को अपनी चपेट में ले लिया है और सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर कर दिया है।
5200 एकड़ जंगल जलकर खाक, 1200 से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार से लगी इस आग ने इवाते के ओफुनातो क्षेत्र में 5200 एकड़ से ज्यादा जंगल को राख में तब्दील कर दिया है। जापान की फायर एंड डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी (FDMA) के मुताबिक, कम से कम 84 घर जल चुके हैं और करीब 1200 लोग सुरक्षित शिविरों में पहुंच चुके हैं, जबकि 2000 से अधिक लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां शरण ले चुके हैं।
2,000 से ज्यादा दमकलकर्मी और सैनिक तैनात, हेलीकॉप्टरों से पानी डाला जा रहा
हालांकि कुछ इलाकों में आग पर काबू पाया गया है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर से 2,000 से अधिक सैनिक और दमकलकर्मी राहत कार्य में जुटे हुए हैं। इसके अलावा, आग बुझाने के लिए 16 से अधिक हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो जलते हुए पहाड़ों पर पानी डाल रहे हैं।
आग से जुड़ी पहली मौत, सड़क किनारे मिला शव
गुरुवार को एक व्यक्ति का शव सड़क किनारे मिला। अधिकारियों ने जांच के बाद पुष्टि की कि उनकी मृत्यु आग से जुड़ी हुई है। यह घटना आग के कारण हुए नुकसान की गंभीरता को दर्शाती है।
इतिहास में सबसे शुष्क सर्दी, बारिश की मात्रा में भारी गिरावट
जनवरी से मार्च के बीच ओफुनातो क्षेत्र आमतौर पर शुष्क रहता है, लेकिन जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) के अनुसार, इस साल स्थिति और भी खराब हो गई है। 1946 के बाद से यह सबसे शुष्क सर्दी रही है। इस साल सिर्फ 2.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि औसतन यह आंकड़ा 41 मिलीमीटर होता है। बारिश की कमी ने आग को फैलने में बड़ी भूमिका निभाई है।
जलवायु परिवर्तन और आग का संबंध?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 जापान का सबसे गर्म वर्ष रहा है, जब से रिकॉर्ड रखना शुरू हुआ था। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह साबित करना मुश्किल है कि जलवायु परिवर्तन ने इन विशेष आग की घटनाओं को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। भूमि उपयोग में बदलाव जैसे अन्य कारक भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने दिया आश्वासन
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने संसद में कहा, “यह निश्चित है कि आग कुछ हद तक फैलेगी, लेकिन हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि लोगों के घरों को नुकसान न पहुंचे।”