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मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: गांव में बाघ के पदचिन्ह, दहशत का माहौल

by kishanchaubey
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छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ वन परिक्षेत्र के भौता ग्राम पंचायत में बाघ के पदचिन्ह मिलने से लोगों में दहशत फैल गई है। वन विभाग ने बाघ की उपस्थिति की पुष्टि करते हुए गांव वालों से सतर्क रहने और सुरक्षा उपाय अपनाने की अपील की है।

गांव में डर का माहौल

जैसे ही बाघ के पदचिन्ह मिलने की खबर फैली, गांव वालों में डर का माहौल बन गया। शाम ढलते ही लोगों ने अपने घरों में रहना शुरू कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने की सख्त हिदायत दी है। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विभाग ने इलाके में कैमरे लगाए हैं।

सुरक्षा पर चिंता और हमले की घटना

भौता गांव में बाघ द्वारा दो बकरियों पर हमला किए जाने से स्थिति और गंभीर हो गई। इनमें से एक बकरी की मौत हो गई, जिससे ग्रामीण अपने मवेशियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि जिन ग्रामीणों के पशु हानि हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। कुछ प्रभावित ग्रामीणों को प्रारंभिक मुआवजा राशि पहले ही प्रदान की जा चुकी है।

वन विभाग का कदम

मंडल वन अधिकारी (डीएफओ) मनीष कश्यप ने कहा कि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है।
उन्होंने बताया:

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  • “हमने एक टीम तैनात की है, जो लगातार बाघ के मूवमेंट पर नजर रख रही है।”
  • “गांव वालों से जंगल की तरफ न जाने की अपील की गई है।”
  • “बाघ की हरकतों पर नजर रखने के लिए तकनीकी साधनों का उपयोग किया जा रहा है।”

वन विभाग ने बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने कर्मचारियों को तीन शिफ्ट में ड्यूटी पर लगाया है।

ग्रामीणों को सुरक्षा सुझाव

  • रात के समय बाहर न निकलें।
  • मवेशियों को घर के पास ही बांधें।
  • जंगल और बाघ प्रभावित इलाकों में न जाएं।

वन विभाग की प्राथमिकता

वन विभाग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि बाघ किसी भी स्थिति में गांव के रिहायशी इलाकों में न पहुंचे। इस उद्देश्य के लिए बाघ की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।

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