लंबे समय से दिल्ली की जहरीली हवा के लिए बदनाम पंजाब और हरियाणा अब पराली जलाने के मामले में काफी हद तक सुधर चुके हैं, लेकिन अब यह कलंक मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के माथे पर चस्पां हो गया है। इस साल (2025) पराली जलाने की कुल घटनाओं में लगभग आधी घटनाएं अकेले मध्य प्रदेश की हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोईकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस (CREAMS) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 30 नवंबर 2025 तक छह प्रमुख राज्यों – मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में कुल 28,529 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
इनमें से:
- मध्य प्रदेश: 14,165 घटनाएं (कुल का ~49.7%)
- उत्तर प्रदेश: 5,803 घटनाएं
- पंजाब: 5,092 घटनाएं
- राजस्थान: 2,841 घटनाएं
- हरियाणा: 623 घटनाएं
- दिल्ली: मात्र 5 घटनाएं
यानी इस साल पराली में आग की कुल घटनाओं में लगभग आधी अकेले मध्य प्रदेश की हैं। पहली बार उत्तर प्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर कब्जा किया है।
टॉप-10 सबसे ज्यादा पराली जलाने वाले जिले – 7 मध्य प्रदेश के
इन छह राज्यों के 191 जिलों में पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं जिन 10 जिलों में हुईं, उनमें 7 जिले मध्य प्रदेश के हैं:
- श्योपुर (MP) – 2,325 घटनाएं
- होशंगाबाद (MP)
- दतिया (MP)
- जबलपुर (MP)
- ग्वालियर (MP)
- सिवनी (MP)
- सतना (MP)
- हनुमानगढ़ (राजस्थान)
- तरणतारण (पंजाब)
- संगरूर (पंजाब)
पिछले सालों से तुलना (15 सितंबर – 30 नवंबर तक)
- 2025: MP सबसे आगे (14,165), पंजाब तीसरे नंबर पर (5,092)
- 2024: MP – 16,360 (पहले नंबर), पंजाब – 10,909 (दूसरे नंबर)
- 2023: पंजाब – 36,663, MP – 12,500 (दूसरे नंबर)
पंजाब में दो साल में 86% से ज्यादा की भारी गिरावट आई है, हरियाणा में 73% की कमी आई है। वहीं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
बदलता ट्रेंड
2021 और 2022 में भी मध्य प्रदेश पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर था, लेकिन तब उसका कोई जिला टॉप-10 में नहीं था। पिछले दो साल में मध्य प्रदेश ने पंजाब को पूरी तरह पछाड़ दिया है। श्योपुर जिला लगातार दूसरे साल देश में नंबर-1 पराली जलाने वाला जिला बना हुआ है।
जमीनी जांच में पता चला है कि मध्य प्रदेश के कई इलाकों में मॉनसून पैटर्न और जलवायु परिवर्तन के कारण धान की खेती तेजी से बढ़ रही है, जिसकी पराली को जलाने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है।
दिल्ली की हवा पर अब भी असर पड़ता है, लेकिन आंकड़े साफ बता रहे हैं कि अब पराली जलाने का सबसे बड़ा योगदान पंजाब-हरियाणा से नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से हो रहा है। अभी सीजन का एक हफ्ता बाकी है, आंकड़े और बढ़ सकते हैं।
