Covid Risk: अमेरिका के वैज्ञानिकों ने अपने एक नए अध्ययन में पाया है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में लॉन्ग कोविड का खतरा 31% ज्यादा होता है। खासतौर पर 40 से 55 वर्ष की आयु की महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं।
लॉन्ग कोविड: क्या है और कैसे करता है असर?
लॉन्ग कोविड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कोविड-19 से उबरने के हफ्तों, महीनों, या सालों बाद भी मरीज थकान, सांस की दिक्कत, गंध और स्वाद महसूस न होना जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। यह मस्तिष्क, फेफड़े और किडनी जैसे अंगों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है।
अध्ययन का केंद्र
यह अध्ययन यूटी हेल्थ सैन एंटोनियो के वैज्ञानिकों ने किया है और इसके नतीजे प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित हुए हैं। यह रिसर्च नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की RECOVER पहल का हिस्सा है, जो कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभावों को समझने के लिए बनाई गई है।
शोध में क्या निकला?
इस रिसर्च में 12,276 लोगों पर अध्ययन किया गया। वैज्ञानिकों ने नस्ल, आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थितियों और सामाजिक कारकों का विश्लेषण किया।
- महिलाओं में जोखिम: महिलाओं में लॉन्ग कोविड का खतरा पुरुषों से ज्यादा पाया गया।
- प्रमुख आयु वर्ग: 40-55 साल की महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी गई।
- लक्षण:
- 31% लोगों में थकान प्रमुख लक्षण था।
- 16% में गंध और स्वाद की कमी।
- 15% में सांस लेने में दिक्कत।
लॉन्ग कोविड और महिलाओं का संबंध
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि महिलाओं में लॉन्ग कोविड का खतरा उनकी उम्र, गर्भावस्था की स्थिति, मासिक धर्म, और रजोनिवृत्ति से जुड़ा हो सकता है।
महामारी का प्रभाव
कोविड-19 महामारी ने अब तक 70 करोड़ से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है और 70 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। भले ही कई लोग गंभीर संक्रमण के बाद ठीक हो गए, लेकिन एक बड़ा हिस्सा लॉन्ग कोविड से प्रभावित रहा।
भविष्य की दिशा
अध्ययन के सह-लेखक, डॉक्टर डिंपी शाह के अनुसार, “लॉन्ग कोविड से निपटने के लिए लिंग आधारित चिकित्सा दृष्टिकोण की जरूरत है। इससे इस समस्या की बेहतर पहचान और इलाज संभव हो सकेगा।”
आंकड़ों पर नजर
- अमेरिका में 33 राज्यों से जुड़े लोगों को इस शोध में शामिल किया गया।
- संक्रमित लोगों की औसत आयु 46 वर्ष पाई गई।
- 40-54 वर्ष की महिलाओं में जोखिम सबसे अधिक पाया गया।
भारत में लॉन्ग कोविड की स्थिति
भले ही यह अध्ययन अमेरिका में हुआ हो, लेकिन भारत में भी लॉन्ग कोविड एक गंभीर समस्या है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या महिलाओं और बुजुर्गों में अधिक आम है।
समाधान और सावधानियां
- टीकाकरण: कोविड से बचने के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच: महिलाओं और कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जानी चाहिए।
- जागरूकता: लॉन्ग कोविड के लक्षणों और इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।
- स्वास्थ्य अध्ययन: भारतीय संदर्भ में महिलाओं और पुरुषों में लॉन्ग कोविड के प्रभावों का विस्तृत अध्ययन जरूरी है।