Leopard Behaviour : उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व (RTR) में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि तेंदुए अपने शिकार के तरीके और स्थान का चुनाव अलग-अलग परिस्थितियों के आधार पर करते हैं।
- जंगलों के अंदरूनी इलाकों में: तेंदुए बड़े मवेशियों जैसे गाय और भैंस पर हमला करते हैं।
- इंसानी बस्तियों और खेतों के पास: वे छोटे जानवरों जैसे बकरियों और भेड़ों का शिकार करते हैं।
इस अध्ययन ने यह भी दिखाया कि तेंदुए इंसानी गतिविधियों वाले क्षेत्रों में ढलने की अद्भुत क्षमता रखते हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व का विविधतापूर्ण पर्यावरण
राजाजी टाइगर रिजर्व जैव विविधता से भरपूर है। यहां आपको सुनहरे सियार, सांभर, नीलगाय, हाथी, बार्किंग डियर और रीसस मैकाक जैसे जानवर देखने को मिलते हैं।
- वनस्पति: रिजर्व में गंगा नदी से सिंचित साल और शीशम के घने जंगल हैं।
- मानव बस्तियां: बाहरी इलाकों में छोटे जंगल और गन्ने, आम के खेत बिखरे हुए हैं।
- तेंदुए का आवास: यह विविधता तेंदुए के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करती है।
इंसान और तेंदुए के संघर्ष के कारण
भारत में तेंदुओं की संख्या 2018 में 12,852 से बढ़कर 2022 में 13,874 हो गई। लेकिन साथ ही, बुनियादी ढांचे के विकास और जंगलों के कटाव के कारण इंसान और तेंदुए के आवास आपस में मिलने लगे हैं।
- मवेशियों का नुकसान:
- राजाजी टाइगर रिजर्व के पास किसान अपने मवेशियों को चरने के लिए खुले में छोड़ देते हैं।
- 2006-2015 के दौरान, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मवेशियों के शिकार की 8,365 घटनाएं दर्ज हुईं। इनमें तेंदुए 263 मवेशियों का शिकार कर चुके थे।
शोध से निकले अहम निष्कर्ष
इस अध्ययन में यह समझने की कोशिश की गई कि तेंदुए किस तरह और किन जगहों पर शिकार करते हैं।
- शिकार का प्रकार:
- बड़े मवेशी (गाय-भैंस): घने जंगलों में।
- छोटे मवेशी (बकरी-भेड़): झाड़ियों और इंसानी बस्तियों के पास।
- तेंदुए का घरेलू क्षेत्र:
- तेंदुए घने जंगलों में बड़े जानवरों को छिपाते हैं।
- छोटे जानवर झाड़ियों में छिपाए जाते हैं।
- तेंदुए का व्यवहार:
- बड़े मवेशियों पर हमला कम होता है जहां इंसानी गतिविधियां अधिक हैं।
- छोटे मवेशियों का शिकार लगातार होता रहता है।
संरक्षण के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का मानना है कि तेंदुओं और इंसानों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए लक्षित योजनाएं बनानी होंगी।
- स्थान आधारित रणनीति:
- जंगल के पास मवेशियों को खुले में न छोड़ने की सलाह।
- बकरियों और भेड़ों की निगरानी बढ़ाने की जरूरत।
- और अध्ययन की जरूरत:
- हिमाचल प्रदेश और शहरी क्षेत्रों जैसे मुंबई और बेंगलुरु में भी इस तरह के अध्ययन किए जाने चाहिए।
- इंसानों और तेंदुओं के बीच सह-अनुकूलन को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है।
राजाजी टाइगर रिजर्व: मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व की मिसाल
इस अध्ययन ने तेंदुओं की शिकार करने की रणनीतियों और उनके व्यवहार के बारे में नई जानकारी दी है। यह दिखाता है कि तेंदुए इंसानी क्षेत्रों में ढल सकते हैं, लेकिन मवेशियों के नुकसान को कम करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना बेहद जरूरी है।