संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के सबसे कम विकसित देशों (LDCs) को कार्बन मार्केट्स का अधिक लाभ उठाने की ज़रूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, यदि इन देशों में मज़बूत घरेलू कानून, निगरानी प्रणाली और नियमन लाए जाते हैं तो यह उनके सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में सहायक साबित हो सकता है।
एलडीसी और कार्बन मार्केट्स का महत्व
रिपोर्ट में बताया गया है कि 45 एलडीसी देश कार्बन मार्केट्स का उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं। कार्बन मार्केट्स के जरिए ये देश अपनी परियोजनाओं से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट्स बेच सकते हैं, जिससे निवेश में वृद्धि होगी और इन देशों के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन इन देशों को विदेशी निवेश लाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वे छोटे हैं और उनके पास सीमित संसाधन हैं।
प्रमुख चुनौतियाँ और अवसर
रिपोर्ट में बताया गया कि कार्बन मार्केट्स में एलडीसी देशों की भागीदारी काफी कम है, जबकि उनके पास भूमि आधारित क्षेत्रों, जैसे कि वन और कृषि, में बहुत क्षमता है। इन क्षेत्रों में उत्सर्जन घटाने की क्षमता इतनी है कि इससे वैश्विक विमानन उद्योग द्वारा 2019 में उत्पन्न 70 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन के बराबर कटौती की जा सकती है। हालांकि, इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए कार्बन की कीमत कम से कम $100 प्रति टन होनी चाहिए, जिससे ये परियोजनाएं आर्थिक रूप से लाभदायक बन सकें।
कार्बन मार्केट्स का पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर प्रभाव
एलडीसी देशों में कार्बन मार्केट्स का विस्तार करने से न केवल कार्बन उत्सर्जन कम होगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, अधिक वृक्षारोपण और खेती के टिकाऊ तरीकों का उपयोग इन देशों में जलवायु संतुलन बनाने में मदद करेगा। इससे न केवल वायु गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि समुदायों में स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी होंगे, क्योंकि कम प्रदूषण से सांस की बीमारियों में कमी आएगी।
आगे की राह
UNCTAD की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि एलडीसी देशों के लिए कार्बन मार्केट्स को अधिक लाभकारी बनाने के लिए कुछ विशेष कदम उठाए जाने चाहिए:
- मज़बूत घरेलू नियमन और निगरानी: रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्बन परियोजनाओं के लिए मज़बूत निगरानी और रिपोर्टिंग सिस्टम होना चाहिए ताकि समुदायों को सीधे लाभ मिल सके।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: क्षेत्रीय और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देकर एलडीसी देशों को कार्बन मार्केट्स में अपनी स्थिति बेहतर करने का सुझाव दिया गया है।
- क्षमता निर्माण: रिपोर्ट में विकास साझेदारों से अनुरोध किया गया है कि वे एलडीसी देशों को संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान करें, जिससे वे कार्बन मार्केट परियोजनाओं को अपने आर्थिक लक्ष्यों के साथ जोड़ सकें।
अगर ये सुझाव लागू किए जाते हैं, तो ये देश न केवल पर्यावरण सुरक्षा के अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकेंगे बल्कि अपने आर्थिक विकास में भी एक नई दिशा ला पाएंगे।