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Lahore Air Pollution : पाकिस्तान का लाहौर शहर, जिसकी आबादी 1.1 करोड़ से अधिक है, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। IQ Air की ताज़ा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर का AQI 354 है, जिसे “खतरनाक” श्रेणी में रखा गया है। वहीं, पाकिस्तान का आर्थिक केंद्र कराची 164 AQI के साथ “अस्वस्थ” श्रेणी में है और 13वें स्थान पर है।
लाहौर: प्रदूषण के कारण
- लाहौर में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियां और फसल जलाने की घटनाएं हैं।
- वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। पिछले एक महीने में, लगभग 18 लाख लोग वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हुए हैं।
- इनमें से 1,29,229 लोगों को सांस की गंभीर समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- 6,10,153 लोगों को हृदय व छाती संबंधी समस्याएं हुईं।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति और गंभीर हो सकती है यदि सख्त उपाय नहीं किए गए।
कराची: उद्योग और यातायात के बीच घुटता शहर
- कराची, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर और प्रमुख आर्थिक केंद्र है, लगातार प्रदूषण से जूझ रहा है।
- AQI 164 दिखाता है कि भारी यातायात, औद्योगिक क्षेत्र और बंदरगाह गतिविधियां वायु प्रदूषण के बड़े स्रोत हैं।
- यहां भी स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है, खासकर उन लोगों पर जिनकी स्वास्थ्य स्थिति पहले से कमजोर है।
विशेषज्ञों की राय
कराची प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्लाइमेट एक्शन सेंटर (CAC) के निदेशक यासिर हुसैन ने कहा कि:
- कराची के प्रदूषण में 60% योगदान वाहन उत्सर्जन का है।
- लाहौर में यह आंकड़ा 80% तक है।
- उन्होंने पर्यावरण और स्वास्थ्य के गंभीर प्रभावों पर चिंता जताई और तुरंत कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया।
स्वास्थ्य और अन्य संकट
- वायु गुणवत्ता संकट के साथ-साथ पाकिस्तान में खसरे (Measles) का प्रकोप भी बढ़ा है।
- डॉक्टरों ने खसरे की उच्च संक्रामकता दर को देखते हुए माता-पिता को 9 महीने से 1.5 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
- स्वास्थ्य सेवाएं इन दोनों संकटों के कारण दबाव में हैं।
समाधान की दिशा में कदम
- लाहौर में खतरनाक प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है।
- विशेषज्ञों ने सीमा पार प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया है।
- प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियों और फसल जलाने की घटनाओं पर सख्त निगरानी की सिफारिश की गई है।