केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा 03 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के 55.5% शहरों में हवा साफ है, जबकि 41.3% शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
हालांकि, 3.2% शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राहत की बात यह है कि साफ हवा वाले शहरों की संख्या में पिछले दिन की तुलना में 10% की वृद्धि हुई है।
किशनगंज सबसे प्रदूषित, शिलांग सबसे स्वच्छ
आंकड़ों के अनुसार, बिहार के किशनगंज में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 184 दर्ज किया गया, जो देश में सबसे अधिक है। यह मध्यम श्रेणी में आता है, लेकिन वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा से 1,127% अधिक है।
किशनगंज में हवा में महीन कण (PM2.5) की मात्रा अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पिछले दिन की तुलना में वहां AQI में 97 अंकों का उछाल आया है। दूसरी ओर, मेघालय की राजधानी शिलांग में AQI केवल 5 दर्ज किया गया, जो देश में सबसे स्वच्छ है। किशनगंज की तुलना में शिलांग की हवा 35 गुना बेहतर है।
दिल्ली और फरीदाबाद में सुधार
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कमी आई है, और AQI 35 अंकों की गिरावट के साथ 88 पर पहुंच गया, जो संतोषजनक श्रेणी में है। फरीदाबाद में AQI 13 अंकों के सुधार के साथ 108 दर्ज किया गया, लेकिन यह देश के तीसरे सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।
अन्य प्रदूषित शहर
हनुमानगढ़ (AQI 117) दूसरे स्थान पर, एलूर (AQI 104) चौथे, ग्रेटर नोएडा और श्रीगंगानगर (AQI 104) पांचवें और छठे, तथा गुम्मिडिपूंडी (AQI 102) सातवें स्थान पर हैं। इन शहरों में PM10 कणों का स्तर चिंताजनक है। पिछले दिन रोहतक में AQI 176 था, जो 94 अंकों के सुधार के साथ 82 पर आ गया, और अब यह संतोषजनक श्रेणी में है।
साफ हवा वाले शहर
देश के 122 शहरों (55%) में AQI 0-50 के बीच रहा, जो ‘बेहतर’ श्रेणी को दर्शाता है। इनमें शिलांग, बेलापुर, भिलाई, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, चामराजनगर, छपरा, कटक, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जोधपुर, कलबुर्गी, कानपुर, करूर, कारवार, काशीपुर आदि शामिल हैं।
