हमारे देश के किसानों को केवल फसलों पर निर्भर रहने के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि किसान अब परंपरागत खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती करने पर भी जोर दे रहे हैं, जिसमें लौकी, कददू, खीरा, झींगा, टमाटर, फुल गोभी, बैंगन आदि शामिल हैं.
बैंगन की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है, इसकी बाजार में डिमांड भी बहुत अधिक रहती है, जिससे किसान लाखों रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं. बैंगन की खेती करने वाले किसान बताते है कि बैंगन का फलन 55-60 दिनों में शुरू हो जाता है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ जमीन पर बैंगन की खेती से 3-4 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है. किसान सुरेंद्र ने आगे बताया कि बैंगन की बुवाई काफी सही तरीके से होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि दो पौधों और दो क्यारियों के बीच करीब 60 सेमी की दूरी होनी चाहिए. बीज को रोपने से पहले 4-5 बार खेत की अच्छी तरह जुताई होनी चाहिए. जब सिंचाई की आवश्यकता हो, तो सिंचाई भी की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस साल एक एकड़ जमीन पर हाइब्रिड बैंगन की खेती की है, जो दो सप्ताह में बैंगन से उपज ले रहे हैं.
लौकी की खेती के फायदें
सब्जी की खेती में एक एकड़ में लगभग ₹20000 का खर्चा लगता है. लौकी की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे बेहतरीन होती है. खेत में मचान बनाकर जमीन में उचित जल निकासी की व्यवस्था की जाती है. गोबर की खाद डालने के बाद खेत को भुरभुरा जोतकर नीम से उसका शोधन कर लिया जाता है. बीज डालने के बाद में पौध की लताओं को मचान पर फैलने के लिए छोड़ दिया जाता है.
समय-समय पर निराई-गुड़ाई और पानी देने के बाद लताओं से फूल कटना शुरू हो जाते हैं. कीटों की सही देखरेख करते हुए 40 से 50 दिनों में लौकी के फल तोड़ने लायक हो जाते हैं. एक एकड़ में करीब 100 से 150 क्विंटल लौकी का उत्पादन होता है. इन दिनों बाजार में लौकी का भाव ₹3000 क्विंटल तक है. इस हिसाब से 3 से 5 लाख रुपए किसान को सीधी आमदनी है.