निसार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar), जिसे इस साल भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा, कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने जा रहा है। यह उपग्रह अमेरिका, भारत और दुनिया भर के किसानों को फसल की वृद्धि, मिट्टी की नमी और पौधों के स्वास्थ्य की सटीक जानकारी देगा।
फसलों की निगरानी में नई क्रांति
निसार उपग्रह से प्राप्त डेटा का उपयोग करके किसान रोपाई, बीज बोने, सिंचाई और कटाई जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का सही समय निर्धारित कर सकेंगे। यह उपग्रह किसानों और कृषि अधिकारियों को फसल प्रबंधन में बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा।
कैसे काम करेगा निसार उपग्रह?
- सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR): निसार उपग्रह सिंथेटिक एपर्चर रडार तकनीक का उपयोग करेगा, जो फसल की विशेषताओं, पौधों में नमी की मात्रा और मिट्टी की स्थिति का सटीक विश्लेषण करेगा।
- एल और एस बैंड तकनीक: निसार, दो अलग-अलग आवृत्तियों – एल-बैंड और एस-बैंड का उपयोग करने वाला पहला रडार उपग्रह होगा, जिससे यह विभिन्न प्रकार की सतहों और फसल की बारीकियों को समझने में सक्षम होगा।
- हर 12 दिन में डाटा अपडेट: निसार उपग्रह हर 12 दिनों में पृथ्वी की लगभग पूरी भूमि की दो बार छवि लेगा। यह 10 मीटर तक के छोटे भूखंडों को कवर करने में सक्षम होगा, जिससे छोटे खेतों में भी सप्ताह-दर-सप्ताह होने वाले बदलावों पर नजर रखी जा सकेगी।
कृषि के लिए कैसे फायदेमंद होगा निसार?
- फसलों का मानचित्रण:
निसार के आंकड़ों का उपयोग धान, गेहूं, मक्का और अन्य फसलों की वृद्धि को ट्रैक करने में किया जाएगा। यह उपग्रह यह भी बताएगा कि किसी क्षेत्र में फसल कब लगाई गई, उसकी ऊंचाई कितनी है और फूल आने की स्थिति क्या है। - सिंचाई का सही समय:
फसलों के लिए सिंचाई का सबसे सही समय निर्धारित करने में निसार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सही समय पर सिंचाई से पानी की बचत होगी और फसल उत्पादन में वृद्धि होगी। - मिट्टी की नमी की निगरानी:
निसार, मिट्टी में मौजूद नमी की मात्रा पर नजर रखेगा, जिससे सूखे और बाढ़ जैसी आपदाओं से पहले सतर्क रहने का मौका मिलेगा। - फसल स्वास्थ्य पर नजर:
उपग्रह के डेटा से पौधों की सेहत और पोषण स्तर का पता लगाया जा सकेगा। इससे किसानों को फसल में किसी भी बीमारी या कीट संक्रमण के बारे में समय पर जानकारी मिल सकेगी।
कृषि अधिकारियों और नीति निर्माताओं के लिए फायदेमंद
- कृषि नीति निर्माण: निसार से प्राप्त डेटा का उपयोग नीति निर्धारण और कृषि योजनाओं में किया जाएगा।
- फसल बीमा योजना: इससे फसल बीमा योजनाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा क्योंकि सटीक आंकड़ों से नुकसान का सही आकलन किया जा सकेगा।
- कृषि भूमि का सर्वेक्षण: निसार छोटे-छोटे खेतों और कृषि भूमि का सर्वेक्षण कर सकेगा, जिससे क्षेत्र में खेती की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकेगा।
बारिश और बादलों के बावजूद फसलों की निगरानी संभव
निसार उपग्रह माइक्रोवेव रडार तकनीक का उपयोग करेगा, जो बादलों और बारिश के बावजूद भी फसलों की स्थिति का सटीक विश्लेषण कर सकेगा। यह अन्य तकनीकों जैसे थर्मल और ऑप्टिकल इमेजिंग से अधिक प्रभावी साबित होगा।
कितना डेटा देगा निसार?
- निसार उपग्रह प्रति दिन लगभग 80 टेराबाइट डेटा प्रदान करेगा।
- यह डेटा कृषि, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन और जल संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी होगा।
निसार मिशन क्यों खास है?
- पहला एल और एस बैंड रडार उपग्रह: निसार, दोहरी आवृत्ति का उपयोग करने वाला पहला रडार उपग्रह होगा।
- कृषि और पर्यावरण पर सीधा असर: फसल प्रबंधन, मौसम पूर्वानुमान और जल संसाधन प्रबंधन में मदद करेगा।
- वैश्विक कृषि में सुधार: निसार सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका और दुनिया भर के किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी देगा।
फसलों की अधिक पैदावार और समय की बचत
निसार उपग्रह का उद्देश्य संसाधनों की बेहतर योजना और अनुकूलन करना है। इससे किसानों को फसलों की बुवाई, सिंचाई और कटाई का सही समय तय करने में मदद मिलेगी, जिससे पैदावार बढ़ेगी और समय की बचत होगी।
निसार मिशन: कृषि में नई उम्मीद
नासा और इसरो का यह संयुक्त मिशन कृषि क्षेत्र में डेटा आधारित निर्णय लेने में मदद करेगा और किसानों को जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए तैयार करेगा।