भारत में मौसम का मिजाज हर दिन बदल रहा है। मौसम विभाग ने आज, 14 अप्रैल 2025 को सुबह जारी अपने पूर्वानुमान में बताया कि देश के कई हिस्सों में बारिश, तूफान, ओलावृष्टि और गर्मी का दौर चल रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं के कारण मौसम में उथल-पुथल मची है। आइए, इसे आसान शब्दों में समझते हैं और जानते हैं कि अगले कुछ दिनों में मौसम कैसा रहेगा।
मौसम का हाल: क्या हो रहा है?
मौसम विभाग के मुताबिक, एक पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हवाओं में सक्रिय है, जिसने हवाओं को अशांत कर रखा है। इसके अलावा:
- चक्रवाती हवाएं: उत्तर भारत से मध्य भारत, दक्षिण भारत और ओडिशा तक चक्रवाती हवाओं का असर है।
- अन्य प्रभाव: असम और तटीय आंध्र प्रदेश में ऊपरी हवाओं में चक्रवात बन रहे हैं।
इन मौसमी गतिविधियों के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश, तूफान, बिजली गिरने और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है।
क्षेत्रवार मौसम का पूर्वानुमान
1. पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत
- क्या होगा?: अगले 5 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश, तूफानी हवाएं (40-50 किमी/घंटा), और बिजली गिरने की आशंका।
- प्रभावित राज्य: असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, और सिक्किम।
- खास अलर्ट:
- 14-16 अप्रैल: असम और मेघालय में भारी बारिश (70 मिमी या अधिक) हो सकती है।
- 15-16 अप्रैल: ओडिशा में भी तेज बारिश के आसार।
- 14-15 अप्रैल: झारखंड में तूफान, बिजली, और ओलावृष्टि का खतरा।
- खतरे:
- ओलावृष्टि से फल, सब्जी, और खड़ी फसलों (जैसे गेहूं, चावल) को नुकसान हो सकता है।
- लोगों और मवेशियों को चोट लगने का डर।
- कच्चे मकान, झोपड़ियां, और कमजोर ढांचों को हल्का नुकसान।
- पेड़ों के टूटने या उखड़ने की आशंका।
2. मध्य भारत और महाराष्ट्र
- 14 अप्रैल: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और महाराष्ट्र के मैदानी इलाकों में तूफानी हवाएं, बारिश, और बिजली गिरने की संभावना।
- खतरे: फसलों, बगीचों, और कमजोर संरचनाओं को नुकसान।
3. दक्षिण भारत
- अगले 5 दिन: तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, और उत्तरी कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश, तूफान, और बिजली गिरने की आशंका।
- 14-15 अप्रैल: दक्षिणी कर्नाटक, केरल, और माहे में तेज हवाओं के साथ बारिश और वज्रपात।
- खास बात: तमिलनाडु और पुडुचेरी में गर्म और उमस भरा मौसम भी बना रहेगा।
तापमान का हाल: ठंडक और गर्मी का खेल
देश में बारिश और तूफान के कारण कई जगहों पर तापमान गिरा है, लेकिन कुछ राज्यों में गर्मी का जोर बरकरार है।
कहां गिरा तापमान?
- पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तरी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल: 2-4 डिग्री सेल्सियस की कमी।
- उत्तरी छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी तमिलनाडु: अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री की गिरावट।
- प्रभाव: बारिश और ठंडी हवाओं ने इन इलाकों में राहत दी है।
कहां बढ़ी गर्मी?
- जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, विदर्भ, दक्षिण मध्य प्रदेश, केरल, पूर्वी असम, मणिपुर, मिजोरम: तापमान में 2-4 डिग्री की बढ़ोतरी।
- हॉटस्पॉट:
- पश्चिम राजस्थान (बाड़मेर): 44.0 डिग्री सेल्सियस (13 अप्रैल को सबसे गर्म)।
- गुजरात: 43.6 डिग्री तक।
- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, रायलसीमा, छत्तीसगढ़, ओडिशा: 39-42 डिग्री।
- हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, लक्षद्वीप: 36-38 डिग्री।
- पंजाब, बिहार, पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर: 30-35 डिग्री।
- सबसे ठंडा: चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री (13 अप्रैल)।
आने वाले दिनों में तापमान
- 14-18 अप्रैल:
- उत्तर-पश्चिम भारत (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान): तापमान में 3-5 डिग्री की बढ़ोतरी।
- मध्य भारत (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़): 2-4 डिग्री की वृद्धि।
- पश्चिम भारत (गुजरात, महाराष्ट्र): अगले 4 दिनों में 2-4 डिग्री का इजाफा।
- निष्कर्ष: गर्मी का दबाव बढ़ेगा, खासकर राजस्थान और गुजरात में।
लू (हीटवेव) का अलर्ट
- 14-15 अप्रैल: पश्चिम राजस्थान और तेलंगाना में लू चलने की आशंका।
- 16-18 अप्रैल: पश्चिम राजस्थान में भीषण लू का खतरा।
- 15-19 अप्रैल: पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, और पूर्वी राजस्थान में गर्म हवाएं चलेंगी।
- 15-17 अप्रैल: गुजरात में गर्म और उमस भरा मौसम।
- खतरे:
- गर्मी से डिहाइड्रेशन, हीटस्ट्रोक, और थकान का जोखिम।
- बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत।
कल (13 अप्रैल) का मौसम
- कहां हुई बारिश?:
- अंडमान-निकोबार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, ओडिशा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल में हल्की से मध्यम बारिश या बौछारें।
- कितनी बारिश?:
- ओडिशा (दरिंगाबादी): 2 सेमी।
- अंडमान-निकोबार (लॉन्ग आइलैंड): 2 सेमी।
- अन्य प्रभाव: कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ बौछारें।
सावधानियां और सुझाव
मौसम विभाग ने लोगों और किसानों के लिए ये सलाह दी है:
- किसानों के लिए:
- ओलावृष्टि से फसलों को बचाने के लिए जाल या अस्थायी छाया का इस्तेमाल करें।
- खेतों में पानी जमा न होने दें, ताकि फसलें खराब न हों।
- फल और सब्जी के बगीचों की निगरानी करें।
- आम लोगों के लिए:
- तूफान और बिजली के दौरान खुले में न रहें। पेड़ों, बिजली के खंभों, और कच्चे ढांचों से दूर रहें।
- मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर रखें।
- बारिश में गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें, क्योंकि सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं।
- लू से बचाव:
- खूब पानी पिएं, छाछ या नींबू पानी का सेवन करें।
- धूप में निकलने से बचें, खासकर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच।
- हल्के और ढीले कपड़े पहनें, टोपी या छाता साथ रखें।
प्रदूषण और मौसम का कनेक्शन
आपके पिछले सवालों में हमने ओजोन प्रदूषण और गोदावरी नदी के प्रदूषण की बात की थी। बारिश और तूफान हवा को साफ करने में मदद करते हैं, लेकिन अगर प्रदूषण नहीं रुका, तो सतही ओजोन का स्तर बढ़ सकता है। खासकर मध्य भारत और दक्षिण भारत में, जहां औद्योगिक और शहरी प्रदूषण ज्यादा है, मौसम के बदलाव से फसलों पर असर पड़ सकता है।