Agriculture News : भारत सरकार जैविक कृषि उत्पादों के लिए नए मानक पेश करने जा रही है, जो यूरोपीय संघ (EU) के नवीनतम मानकों के साथ मेल खाते होंगे। इस पहल का उद्देश्य प्रक्रियाओं में स्पष्टता और पारदर्शिता को बढ़ाना है, साथ ही डेटा विश्लेषण का उपयोग करके नियामक निगरानी को मजबूत करना है।
NPOP 2014 में बदलाव
भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात संवर्धन प्राधिकरण (Apeda) के अध्यक्ष अभिषेक देव के अनुसार, राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (NPOP) 2014 को अपडेट किया जा रहा है। यह बदलाव पिछले दशक में अंतरराष्ट्रीय जैविक परिदृश्य और वैश्विक जैविक बाजारों में हुए परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह संशोधन प्रक्रियाओं में अधिक स्पष्टता और पारदर्शिता लाएगा। नए मानकों की घोषणा 9 जनवरी को की जाएगी।
NPOP और जैविक उत्पादों का निर्यात
भारत में जैविक उत्पादों का निर्यात NPOP के तहत नियंत्रित होता है, जो 2001 से लागू है। इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग द्वारा चलाया जाता है, और यह विदेशी व्यापार (विकास और नियमन) अधिनियम के तहत कार्य करता है।
भारत में घरेलू बाजार में, NPOP को खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा 2017 में लागू खाद्य सुरक्षा और मानक (जैविक खाद्य) नियमों के तहत मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रबंधित भागीदार गारंटी प्रणाली भी लागू है।
NPOP जैविक उत्पादन के लिए मानक निर्धारित करता है, प्रमाणन निकायों के लिए मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया और भारत जैविक लोगो के उपयोग के दिशा-निर्देश प्रदान करता है। इसके मानक और प्रक्रियाएं अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप विकसित की गई हैं।
वैश्विक मान्यता
NPOP के तहत कृषि उत्पादन के मानकों को यूरोपीय आयोग और स्विट्जरलैंड ने अपनी मानकों के समकक्ष मान्यता दी है, और यह ग्रेट ब्रिटेन द्वारा भी स्वीकार किया गया है। ताइवान के साथ जैविक उत्पादों के लिए आपसी मान्यता समझौता (MRA) 8 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा। ऑस्ट्रेलिया के साथ भी MRA पर बातचीत अंतिम चरण में है, जैसा कि वाणिज्य मंत्रालय ने बताया।
NPOP 2024 में सुधार
NPOP 2024 में कई सुधार किए जा रहे हैं, जैसे:
साधारण और स्पष्ट प्रमाणन प्रक्रिया: किसान समूहों के लिए प्रमाणन आवश्यकताओं को स्पष्ट किया जाएगा, और किसानों के स्थानांतरण प्रक्रिया को सरल किया जाएगा।
पारदर्शिता में वृद्धि: प्रमाणित जैविक उत्पादकों, विशेष रूप से किसान समूहों, के बारे में जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। प्रमाणन निकायों की वेबसाइट पर सभी किसानों का विवरण होगा।
बेहतर निगरानी और ट्रेसबिलिटी सिस्टम: NPOP 2024 में डेटा विश्लेषण और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से निरीक्षण और प्रमाणन प्रक्रिया की निगरानी को सशक्त किया जाएगा।
भारत का जैविक उत्पादों का निर्यात
भारत पिछले दो दशकों में जैविक उत्पादों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन चुका है। 2012-13 में जहां जैविक उत्पादों का निर्यात $213 मिलियन था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर $494.8 मिलियन हो गया।
भारत के जैविक उत्पादों का निर्यात दुनिया भर में किया जाता है। प्रमुख निर्यात गंतव्य देशों में अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम एशिया और एशियाई देश शामिल हैं। प्रमुख निर्यात उत्पादों में अनाज और मिलेट्स, प्रसंस्कृत खाद्य, चाय, मसाले, सूखे फल, चीनी, औषधीय पौधों के उत्पाद, दालें, कॉफी, तेल केक/मील, तिलहन आदि शामिल हैं।
NPOP का वैश्विक प्रभाव
2001 में NPOP के लागू होने के बाद, भारत ने वैश्विक स्तर पर अपने जैविक उत्पादों को एक मजबूत पहचान दी है और ‘भारत जैविक’ ब्रांड की स्थापना की है। इससे भारत के जैविक निर्यात को वैश्विक बाजारों में पहचान मिली है।