वर्तमान समय में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, जो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। खासकर, सॉइल पॉल्यूशन पर ध्यान कम दिया जा रहा है, जबकि यह हार्ट, किडनी और लंग्स की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। हालिया अध्ययन के अनुसार, सॉइल पॉल्यूशन के कारण कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
स्वस्थ मिट्टी, साफ हवा, जैव विविधता, और स्वच्छ पानी खाद्य उत्पादन के लिए आवश्यक हैं। जब इन तत्वों में प्रदूषण होता है, तो यह फसलों पर असर डालता है, जिससे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ तैयार होते हैं। सॉइल पॉल्यूशन के प्रमुख कारणों में मैक्रो और माइक्रो प्लास्टिक, पेस्टिसाइड्स, ओवर फर्टिलाइजेशन, और भारी धातुएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदूषित पानी और हवा भी मिट्टी के लिए खतरा पैदा करते हैं।
कृषि श्रमिकों की बदहाल स्थिति
अध्ययन में बताया गया है कि हर साल करीब 2.50 करोड़ कृषि श्रमिक पेस्टिसाइड पॉइजनिंग का शिकार होते हैं, जो हार्ट, डायबिटीज, कैंसर, और अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं। इसके अलावा, चक्कर आना, जी मिचलाना, त्वचा और आंखों में जलन, और सिरदर्द जैसी समस्याएं भी आम हैं।
इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए लोगों को फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाना चाहिए और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सभी प्रकार के प्रदूषण से निपटना एक वैश्विक चुनौती है, और इसके प्रभावों से बचना महत्वपूर्ण है। स्वस्थ जीवन के लिए जागरूकता और सावधानी आवश्यक है।