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IIT Kanpur की खोज: कैंसर और सांस संबंधी बीमारियों के इलाज की उम्मीद जगी

by kishanchaubey
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के जैविक विज्ञान और जैव अभियांत्रिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कैंसर और सांस संबंधी बीमारियों से जुड़ी एक खास मानव रिसेप्टर सीएक्ससीआर2 की परमाणु संरचना का सफलतापूर्वक पता लगाया है। यह रिसेप्टर कई गंभीर बीमारियों, जैसे कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा, एथेरोस्क्लेरोसिस और अग्नाशय कैंसर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अध्ययन को प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका ‘मॉलिक्यूलर सेल’ में प्रकाशित किया गया है।

क्या है यह रिसेप्टर और इसका महत्व?

सीएक्ससीआर2 एक प्रकार का ग्रहणकर्ता प्रोटीन (Receptor Protein) है, जो शरीर में सूजन और प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करता है। यह केमोकाइन्स नामक छोटे सिग्नलिंग प्रोटीन के जरिए शरीर में होने वाली प्रतिरक्षा प्रक्रियाओं को संचालित करता है। जब कोई संक्रमण या चोट लगती है, तो ये केमोकाइन्स प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सही स्थान पर पहुंचाने में मदद करते हैं। हालांकि, यदि यह प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाए, तो कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।

कैसे हुई यह खोज?

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने क्रायोजेनिक-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (Cryo-EM) तकनीक का उपयोग कर इस रिसेप्टर की परमाणु संरचना को समझा। उन्होंने यह पता लगाया कि यह रिसेप्टर कैसे अलग-अलग केमोकाइन्स से जुड़ता है और शरीर में प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करता है। यह खोज चिकित्सा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वैज्ञानिक अब इस रिसेप्टर को लक्षित कर नई दवाओं का विकास कर सकते हैं।

क्या होगा इस खोज का असर?

इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता का कहना है कि इस रिसेप्टर की संरचना को समझने के बाद अब वैज्ञानिक ऐसे उपचार विकसित कर सकते हैं जो इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकें। इससे कैंसर, अस्थमा, सीओपीडी और अन्य बीमारियों के इलाज में नई संभावनाएं खुलेंगी।

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नई दवाओं का होगा विकास

आईआईटी कानपुर की शोध टीम अब इस रिसेप्टर को निशाना बनाने वाले छोटे अणु (Small Molecules) और एंटीबॉडीज विकसित करने पर काम कर रही है। सबसे पहले इन दवाओं का प्रयोगशाला परीक्षण (Lab Testing) किया जाएगा, फिर उनका जानवरों पर परीक्षण (Animal Trials) किया जाएगा। यदि ये सफल होते हैं, तो जल्द ही इंसानों के लिए नई और अधिक प्रभावी दवाएं उपलब्ध हो सकती हैं।

भारत में कैंसर और सांस की बीमारियों की स्थिति

भारत में हर साल लाखों लोग कैंसर और सांस संबंधी बीमारियों से प्रभावित होते हैं। बढ़ते प्रदूषण, अस्वस्थ जीवनशैली और अन्य कारणों से ये बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में, आईआईटी कानपुर की यह खोज बेहद अहम साबित हो सकती है।

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