Hydrogen Truck: क्या आप जानते हैं कि एक डीजल वाहन, सात पेट्रोल वाहनों के बराबर प्रदूषण फैलाता है? भारत में वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण परिवहन क्षेत्र है, खासकर डीजल से चलने वाले भारी वाहन। लेकिन अब भारत ने इस समस्या का समाधान खोजने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
अब दिल्ली की सड़कों पर हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रक दौड़ रहे हैं, जो प्रदूषण रहित भविष्य की ओर इशारा करते हैं। हाल ही में, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संयुक्त रूप से इन Hydrogen Trucks के परीक्षण को हरी झंडी दिखाई।
कैसे काम करते हैं हाइड्रोजन ट्रक
हाइड्रोजन ट्रक दो तकनीकों पर आधारित होते हैं:
- H2-ICE (Hydrogen Internal Combustion Engine) – यह इंजन हाइड्रोजन जलाकर ऊर्जा उत्पन्न करता है।
- H2-FCEV (Hydrogen Fuel Cell Electric Vehicle) – इसमें हाइड्रोजन को इलेक्ट्रिसिटी में बदला जाता है, जिससे मोटर चलती है।
भारत में हाइड्रोजन ट्रकों का पहला परीक्षण
- टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित इन ट्रकों का अगले 24 महीनों तक परीक्षण किया जाएगा।
- यह परीक्षण मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर जैसे प्रमुख मालवाहक मार्गों पर होगा।
- इन ट्रकों की परिचालन सीमा 300 से 500 किलोमीटर तक है।
- सबसे खास बात – ये केवल पानी का उत्सर्जन करते हैं, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता।
भारत का लक्ष्य: स्वच्छ और हरित ऊर्जा की ओर
यह पहल National Green Hydrogen Mission का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है –
- डीजल और पेट्रोल पर निर्भरता कम करना
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती
- स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना
- भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना
ग्रीन हाइड्रोजन को अपनाने से भारत के परिवहन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में क्रांति आ सकती है। यह पहल भारत को 2050 तक Net-Zero Emission लक्ष्य की ओर भी बढ़ाने में मदद करेगी।
क्या हाइड्रोजन ट्रक, डीजल ट्रकों का विकल्प बन सकते हैं
- प्रदूषण मुक्त तकनीक
- हाइड्रोजन एक पर्यावरण के अनुकूल ईंधन
- डीजल की तुलना में अधिक कुशल और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत
हालांकि, अभी हाइड्रोजन ट्रकों की लागत अधिक है और हाइड्रोजन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना चुनौतीपूर्ण है। लेकिन भारत इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। आने वाले वर्षों में, यह तकनीक डीजल वाहनों का बेहतरीन विकल्प बन सकती है।