HMPV Virus : यहाँ भारत में पहली बार इंसानों में मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के दो मामले दर्ज हुए हैं। ये मामले बेंगलुरु, कर्नाटक में सामने आए हैं, जहाँ आठ महीने और तीन महीने के दो शिशु इस वायरस से संक्रमित पाए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 6 जनवरी 2025 को इन मामलों की पुष्टि की, जिससे स्थानीय संक्रमण की आशंका बढ़ गई है।
मामलों का विवरण
दोनों शिशुओं को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें पहले ब्रोंकोप्नुमोनिया (फेफड़ों में संक्रमण) हुआ था।
- आठ महीने का शिशु: 3 जनवरी 2025 को एचएमपीवी की पुष्टि हुई। उसे सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों के लिए उपचार मिला और वह अब ठीक हो रहा है।
- तीन महीने की बच्ची: इस शिशु में भी एचएमपीवी पाया गया, लेकिन इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से किसी भी शिशु का यात्रा इतिहास नहीं है, जो स्थानीय संक्रमण की संभावना को दर्शाता है।
मेटापन्यूमोवायरस क्या है?
एचएमपीवी एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है। इसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था।
लक्षण:
- खांसी
- बुखार
- नाक का बंद होना
- सांस लेने में कठिनाई
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की श्वसन तरल पदार्थ, संक्रमित सतहों और खांसने या छींकने से फैलता है।
इलाज:
- इस वायरस के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है।
- ज्यादातर मामले हल्के होते हैं और आराम, पर्याप्त पानी पीने, और लक्षण कम करने वाली दवाओं से ठीक हो जाते हैं।
- गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती और श्वसन सहायता की जरूरत हो सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने मामलों की पुष्टि की है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसकी सूचना दी है। विशेषज्ञ डॉक्टर शिशुओं का इलाज कर रहे हैं।
- केंद्र सरकार: स्थिति पर नजर रखने के लिए एक जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप (सामूहिक निगरानी समूह) बनाया गया है। यह समूह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ संपर्क में है।
- राज्य सरकार: कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को साफ-सफाई बनाए रखने, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी रखने और छींकने-खांसने के दौरान रूमाल या हाथ का उपयोग करने की सलाह दी है।
आश्वासन:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में श्वसन रोगों को संभालने के लिए मजबूत निगरानी तंत्र मौजूद है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के विशेषज्ञों ने बताया कि वायरस का यह प्रकार घातक नहीं है।
हालिया घटनाक्रम और विशेषज्ञों की राय
- चीन के मामलों से कोई संबंध नहीं: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि यह वायरस चीन में बढ़ते मामलों से संबंधित नहीं है। यह वायरस भारत में पहले से मौजूद है और इसे नया प्रकार नहीं माना गया है।
- सावधानी बरतने की सलाह: राव ने कहा कि वायरस आम सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण देता है और इससे डरने की जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्होंने भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचने और जागरूक रहने की सलाह दी है।
महत्वपूर्ण सलाह
- हाइजीन का पालन करें: हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- शारीरिक दूरी बनाए रखें: संक्रमित लोगों से दूर रहें।
- जागरूक रहें: गलत अफवाहों पर ध्यान न दें और सही जानकारी प्राप्त करें।
सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। हालांकि, अभी कोई विशेष खतरे की बात नहीं है, लेकिन एहतियात बरतना जरूरी है।