केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 05 मई 2025 के आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम की हवा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 248 दर्ज किया गया। इस दौरान हवा में ओजोन का स्तर हावी रहा। गुरुग्राम के AQI में पिछले दिन की तुलना में 71 अंकों का उछाल देखा गया।
मेघालय का बर्नीहाट 200 AQI के साथ दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि ब्यासनगर 165 AQI के साथ तीसरे स्थान पर रहा। धनबाद और टोंक क्रमशः 162 AQI के साथ चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नागौर (149), दौसा (141), सवाई माधोपुर, बिलीपाड़ा और बाड़मेर भी शामिल हैं।
दिल्ली में सुधार, लेकिन चिंता बरकरार
राजधानी दिल्ली, जो एक दिन पहले देश का सबसे प्रदूषित शहर थी, में 113 अंकों के सुधार के साथ AQI 119 पर पहुंच गया, जो मध्यम श्रेणी में है। हालांकि, पिछले चार महीनों (जनवरी-अप्रैल 2025) में दिल्ली की हवा एक भी दिन साफ नहीं रही। नवंबर 2024 में आठ दिन और दिसंबर 2024 में छह दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जब सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
बेलगाम की हवा सबसे साफ
देश में बेलगाम की हवा सबसे साफ रही, जहां AQI 24 दर्ज किया गया। गुरुग्राम की तुलना में बेलगाम की हवा नौ गुना बेहतर है। बेलगाम के अलावा देहरादून, हल्दिया, हापुड, हुबली, इंदौर, कडपा, कलबुर्गी, काशीपुर, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, पटियाला, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनathपुरम, ऋषिकेश, सागर सहित 38 अन्य शहरों में हवा साफ रही। अच्छी खबर यह है कि साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 11% से अधिक की वृद्धि हुई है।
संतोषजनक और मध्यम श्रेणी के शहर
आगरा सहित देश के 146 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक (AQI 51-100) रही। इनमें गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लुधियाना, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, नागपुर, नोएडा, पुणे, रायपुर आदि शामिल हैं। संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 14% की बढ़ोतरी हुई।
वहीं, दिल्ली सहित 31 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम (AQI 101-200) रही, जिनमें इंफाल, जैसलमेर, जलना, झुंझुनूं, क्योंझर, कोटा, लखनऊ, मंगुराहा, पटना, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, सोलापुर आदि शामिल हैं। हालांकि, मध्यम श्रेणी के शहरों की संख्या में 43% की कमी आई।
वायु गुणवत्ता का विश्लेषण
सीपीसीबी के अनुसार, देश के 217 शहरों में से 39 में हवा ‘बेहतर’ (AQI 0-50), 146 में ‘संतोषजनक’ (AQI 51-100), और 31 में ‘मध्यम’ (AQI 101-200) रही। विश्लेषण बताता है कि 18% शहरों में हवा साफ, 67% में संतोषजनक, और 15% में चिंताजनक स्थिति है।
प्रमुख शहरों का हाल
- गुरुग्राम: AQI 248 (खराब)
- ग्वालियर: AQI 94 (संतोषजनक)
- गाजियाबाद: AQI 79 (संतोषजनक)
- नोएडा: AQI 89 (संतोषजनक)
- मुंबई: AQI 57 (संतोषजनक)
- लखनऊ: AQI 126 (मध्यम)
- चेन्नई: AQI 56 (संतोषजनक)
- हैदराबाद: AQI 76 (संतोषजनक)
- पटना: AQI 104 (मध्यम)
वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वायु प्रदूषण के स्तर को मापने का पैमाना है:
- 0-50: बेहतर (साफ हवा)
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: गंभीर
‘गंभीर’ स्थिति में हवा स्वस्थ लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है और बीमार लोगों के लिए जानलेवा हो सकती है।
चिंता का विषय
गुरुग्राम में ओजोन के बढ़ते स्तर और दिल्ली में पिछले चार महीनों से साफ हवा की कमी चिंताजनक है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, खासकर औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन प्रदूषण और निर्माण गतिविधियों पर।