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भारत सरकार ने हाल ही में कृषि क्षेत्र को बदलने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। इनका उद्देश्य उत्पादन में सुधार करना, किसानों की मदद करना और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है। ये योजनाएं हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंज़ूर की गई हैं और कृषि क्षेत्र में एक नई दिशा देने का वादा करती हैं।
क्लीन प्लांट प्रोग्राम (CPP)
- शुरुआत: 9 अगस्त 2024
- बजट: ₹1,765.67 करोड़
- इस योजना का उद्देश्य बागवानी फसलों के लिए रोग-मुक्त पौध सामग्री उपलब्ध कराना है।
- जलवायु परिवर्तन के अनुकूल फसल किस्मों को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाना और खेती को टिकाऊ बनाना मुख्य लक्ष्य है।
डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission)
- शुरुआत: 2 सितंबर 2024
- बजट: ₹2,817 करोड़ (जिसमें ₹1,940 करोड़ केंद्र सरकार का हिस्सा है)।
- यह मिशन कृषि को डिजिटल तकनीकों से जोड़ने पर केंद्रित है।
- प्रमुख कार्य:
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास।
- डिजिटल जनरल क्रॉप एस्टिमेशन सर्वे (DGCES) को लागू करना।
- आईटी आधारित आधुनिक उपकरणों से किसानों को लाभ पहुंचाना।
कृषि अवसंरचना निधि (AIF) का विस्तार
- स्वीकृति: 28 अगस्त 2024
- इस योजना में सामुदायिक खेती परिसंपत्तियों, समेकित प्रसंस्करण इकाइयों और पीएम-कुसुम-ए परियोजनाओं के साथ एकीकृत करने का प्रावधान है।
- इसका उद्देश्य समग्र कृषि विकास को सुनिश्चित करना है।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तिलहन (NMEO-Oilseeds)
- शुरुआत: 3 अक्टूबर 2024
- बजट: ₹10,103 करोड़
- इस मिशन का लक्ष्य घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाना है, जिससे तेल के आयात पर निर्भरता कम हो।
- यह योजना 2024-25 से 2030-31 तक चलेगी।
राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (NMNF)
- शुरुआत: 25 नवंबर 2024
- बजट: ₹2,481 करोड़
- यह मिशन प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।
- इसका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करना और रासायनिक खेती का विकल्प देना है।
सरकार का दृष्टिकोण
इन योजनाओं के माध्यम से सरकार का लक्ष्य एक मजबूत और टिकाऊ कृषि प्रणाली तैयार करना है। इनसे न केवल किसानों को आधुनिक उपकरण और संसाधन मिलेंगे, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
सरकार की ये पहलकदमी भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।