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जून में वैश्विक खाद्य कीमतों में उछाल: दूध, मांस और तेल महंगे, अनाज-चीनी सस्ते, FAO की रिपोर्ट

by kishanchaubey
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नई दिल्ली, 05 जुलाई 2025: संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 में वैश्विक खाद्य कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जिसने महंगाई से राहत की उम्मीदों को झटका दिया है। FAO फूड प्राइस इंडेक्स जून में 128 अंकों पर पहुंचा, जो मई की तुलना में 0.5% अधिक है, लेकिन मार्च 2022 के शिखर से 20.1% कम है।

दूध, मांस, और वनस्पति तेल की कीमतों में उछाल ने सूचकांक को ऊपर खींचा, जबकि अनाज और चीनी की कीमतें गिरीं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि वैश्विक अनाज उत्पादन 2025 में रिकॉर्ड 292.5 करोड़ टन तक पहुंच सकता है।

अनाज: सस्ता, उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि

जून में अनाज मूल्य सूचकांक 107.4 अंक रहा, जो मई से 1.5% कम है। मक्का की कीमतें लगातार दूसरे महीने गिरीं, क्योंकि अर्जेंटीना और ब्राजील से आपूर्ति मजबूत रही। ज्वार और जौ भी सस्ते हुए। हालांकि, गेहूं की कीमतें बढ़ीं, क्योंकि यूरोप, रूस, और अमेरिका में खराब मौसम की आशंकाओं ने चिंता बढ़ाई। धान (इंडिका) की कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई।

FAO के अनुसार, 2025 में अनाज उत्पादन 2.3% बढ़कर 292.5 करोड़ टन तक पहुंच सकता है, जिसमें भारत और पाकिस्तान में गेहूं (80.53 करोड़ टन), ब्राजील में मक्का, और भारत, बांग्लादेश, वियतनाम में चावल (55.6 करोड़ टन) की बेहतर फसल का योगदान होगा। हालांकि, यूक्रेन और यूरोप में सूखे से मक्का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

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वनस्पति तेल: मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल

जून में वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक 155.7 अंक पर पहुंचा, जो मई से 2.3% और पिछले साल से 18.2% अधिक है। पाम तेल की कीमतें 5% बढ़ीं, क्योंकि वैश्विक आयात मांग और प्रतिस्पर्धी कीमतों ने इसे प्रोत्साहित किया।

सोया तेल महंगा हुआ, क्योंकि ब्राजील और अमेरिका में बायोफ्यूल नीतियों से मांग बढ़ी। रेपसीड तेल की कीमतें भी चढ़ीं, क्योंकि 2025/26 में आपूर्ति कम रहने की आशंका है। हालांकि, सूरजमुखी तेल सस्ता हुआ, क्योंकि ब्लैक सी क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने की संभावना है।

डेयरी: मक्खन की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर

डेयरी मूल्य सूचकांक जून में 154.4 अंक रहा, जो मई से 0.5% और पिछले साल से 20.7% अधिक है। मक्खन की कीमतें 2.8% बढ़कर 225 अंकों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचीं। ओशिनिया और यूरोप में दूध की कमी, पश्चिम एशिया से बढ़ती मांग, न्यूजीलैंड में मौसमी कमी, यूरोप में पर्यावरणीय नियमों से पशुधन कटौती, और 2024 में ब्लूटंग वायरस के प्रभाव ने कीमतें बढ़ाईं। पनीर की कीमतें भी पूर्वी एशिया की मांग के चलते बढ़ीं, जबकि स्किम मिल्क पाउडर (0.6%) और फुल क्रीम मिल्क पाउडर (2.3%) की कीमतें गिरीं।

चीनी: चार महीने का सबसे निचला स्तर

चीनी मूल्य सूचकांक जून में 103.7 अंक रहा, जो मई से 5.2% कम और अप्रैल 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है। ब्राजील में सूखे मौसम से कटाई-पेराई तेज होने और ज्यादा गन्ना चीनी उत्पादन में इस्तेमाल होने से आपूर्ति बढ़ी। भारत और थाईलैंड में बेहतर बारिश और खेती के विस्तार से 2025/26 की फसल की संभावनाएं मजबूत हुईं, जिससे कीमतें और गिरीं।

मांस: कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर

मांस मूल्य सूचकांक 126.0 अंक पर पहुंचा, जो मई से 2.1% और पिछले साल से 6.7% अधिक है। सूअर और भेड़ के मांस की कीमतें बढ़ीं, जबकि पोल्ट्री सस्ती हुई।

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