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दक्षिण कोरिया में जंगल की आग का कहर: 27 की मौत, प्राचीन मंदिर तबाह

by kishanchaubey
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सियोल: दक्षिण कोरिया के जंगलों में लगी भीषण आग ने अब तक कम से कम 27 लोगों की जान ले ली है। यह जानकारी गुरुवार, 27 मार्च 2025 को दक्षिण कोरिया के आंतरिक मंत्रालय ने दी। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, मरने वालों में ज्यादातर 60 और 70 साल की उम्र के बुजुर्ग थे। इस आग में 32 लोग घायल भी हुए हैं।

हजारों विस्थापित, ऐतिहासिक नुकसान
आग की चपेट में आने से हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा। इस तबाही ने कई प्राचीन धरोहरों को भी नष्ट कर दिया, जिसमें 1300 साल पुराना एक बौद्ध मंदिर शामिल है। यह मंदिर दक्षिण-पूर्वी इलाके में स्थित था, जहां आग ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया।

कब और कैसे शुरू हुई आग?
जंगल की यह आग 21 मार्च को दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में शुरू हुई थी। एक हफ्ते के भीतर इसने 35,000 हेक्टेयर (लगभग 86,000 एकड़) से ज्यादा जंगल को अपनी चपेट में ले लिया। अधिकारियों का कहना है कि तेज हवाओं और सूखी जमीन ने आग को तेजी से फैलने में मदद की। सूखे मौसम ने पेड़-पौधों को जलावन में बदल दिया, जिससे आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया।

हेलीकॉप्टर हादसा
आग बुझाने की कोशिशों के दौरान मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ। तेज हवाओं के बीच एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई। इसके बाद हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल जोखिम भरा हो गया है, जिससे राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है।

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क्या कहते हैं अधिकारी?
दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने इसे देश के इतिहास की सबसे भयानक जंगल आग बताया। उन्होंने कहा, “तेज हवाएं और सूखा मौसम आग को रोकने में बड़ी बाधा बन रहे हैं। हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हालात गंभीर हैं।” मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार को हल्की बारिश की उम्मीद है, लेकिन यह आग बुझाने के लिए काफी नहीं होगी।

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