Forest Conservation : वैज्ञानिक यह समझने के लिए मेहनत कर रहे हैं कि क्या आने वाले समय में पेड़ “धरती के फेफड़ों” के रूप में काम करते रहेंगे। इसके लिए वे भविष्य के वातावरण का एक नकली रूप तैयार कर रहे हैं।
प्रकृति की रानी: ओक का पेड़
“ओक का पेड़ इस जंगल की रानी है,” कहते हैं रॉब मैकेंज़ी, जो बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च के डायरेक्टर और एक वायुमंडलीय वैज्ञानिक हैं।
हम इंग्लैंड के स्टैफर्डशायर के एक छोटे से जंगल में खड़े हैं, जहां यह विशाल ओक का पेड़ सदियों से अपनी जगह पर स्थिर है। यह सर्दियों की शुरुआत है। जमीन पर बर्फ जमी हुई है, और सूरज की हल्की रोशनी लंबे साए डाल रही है।
एक अनोखा जंगल
इस जंगल की विशेषता यह है कि यहां जमीन में केवल जड़ें ही नहीं, बल्कि पाइप और तारें भी फैली हुई हैं। ये पाइप पेड़ों की छतरी तक जाते हैं। यह “प्लंबिंग से लैस” जंगल वैज्ञानिक प्रयोगों का केंद्र है।
भविष्य का वातावरण तैयार करना
रॉब मैकेंज़ी और उनकी टीम ने इस जंगल को भविष्य में पहुंचा दिया है। उन्होंने यहां के ओक के पेड़ों के चारों ओर अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) छोड़कर साल 2050 में संभावित वातावरण को तैयार किया है।
यह अकेला जंगल नहीं है, जहां ऐसे प्रयोग हो रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेज़न वर्षावनों तक, वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि पेड़ जलवायु परिवर्तन का सामना कैसे करेंगे और पृथ्वी को ठंडा रखने में कैसे मदद करेंगे।
सात साल के प्रयोग और हैरान करने वाले नतीजे
इस प्रयोग को सात साल हो चुके हैं, और परिणाम चौंकाने वाले हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि पेड़ उम्र बढ़ने के बावजूद अधिक कार्बन सोख सकते हैं। यह निष्कर्ष बताता है कि परिपक्व और समशीतोष्ण जंगल जलवायु संतुलन में कितने अहम हैं।
मीथेन को भी कम करते हैं पेड़
पहली बार, वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि पेड़ों पर मौजूद सूक्ष्म जीव (माइक्रोब्स) मीथेन जैसी हानिकारक ग्रीनहाउस गैस को भी पकड़ते हैं। रॉब मैकेंज़ी कहते हैं, “हमने पाया कि ये पेड़ हमारे लिए एक और सेवा कर रहे हैं।”
जंगल बचाने का महत्व
यह अध्ययन दिखाता है कि जंगल न केवल कार्बन डाइऑक्साइड कम करते हैं, बल्कि मीथेन जैसी गैसों को भी नियंत्रित करते हैं। इसलिए, जंगलों की सुरक्षा और देखभाल हमारे पर्यावरण और भविष्य दोनों के लिए जरूरी है।
पेड़ों से सीखने की जरूरत
पेड़ न केवल धरती के फेफड़े हैं, बल्कि पर्यावरण को संतुलित रखने वाले अद्भुत प्राकृतिक संरक्षक भी हैं। यदि हम आज इन पेड़ों की रक्षा करेंगे, तो भविष्य में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचने की उम्मीद की जा सकती है।