environmentalstory

Home » भारत में वन और वृक्ष आवरण 2023 में बढ़कर 25.17% हुआ: ISFR 2023 की प्रमुख बातें

भारत में वन और वृक्ष आवरण 2023 में बढ़कर 25.17% हुआ: ISFR 2023 की प्रमुख बातें

by kishanchaubey
0 comment

ISFR 2023 Report : भारत में वन और वृक्ष आवरण में सुधार दर्ज किया गया है। इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (ISFR) 2023 के अनुसार, देश का कुल वन और वृक्ष आवरण 2023 में बढ़कर 25.17% हो गया है, जो 2021 में 24.62% था। इस रिपोर्ट में देश में वृक्षों और वनों की स्थिति का विस्तृत मूल्यांकन किया गया है।

2023 के मुख्य आंकड़े

  • कुल वन आवरण:
    7,15,342.61 वर्ग किलोमीटर, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.76% है।
  • कुल वृक्ष आवरण:
    3.41% (1,12,014.34 वर्ग किलोमीटर)।
  • कुल वन और वृक्ष आवरण:
    8,27,356.95 वर्ग किलोमीटर, जो देश के कुल क्षेत्रफल का 25.17% है।
  • झाड़ीदार क्षेत्र (Scrub Area):
    43,622 वर्ग किलोमीटर (1.33%)।
  • गैर-वन क्षेत्र:
    24,16,489 वर्ग किलोमीटर (73.50%)।

कौन-कौन से राज्यों में हुआ बदलाव?

वन और वृक्ष आवरण बढ़ाने वाले राज्य:

  • छत्तीसगढ़: ग्रामीण इलाकों में वृक्षारोपण के कारण बढ़ोतरी।
  • उत्तर प्रदेश: एग्रोफॉरेस्ट्री और गंगा किनारे वृक्षारोपण।
  • ओडिशा: वन क्षेत्र में सुधार और मैंग्रोव संरक्षण।
  • राजस्थान: रेगिस्तानी इलाकों में वृक्षारोपण परियोजनाएं।
  • झारखंड: वनीकरण और आदिवासी क्षेत्रों में पौधरोपण।

वन और वृक्ष आवरण में कमी वाले राज्य:

  • मध्य प्रदेश: अवैध कटाई और कृषि भूमि का विस्तार।
  • कर्नाटक: शहरीकरण और औद्योगिक परियोजनाओं का प्रभाव।
  • नागालैंड: झूम खेती का बढ़ता प्रभाव।
  • बिहार: बाढ़ और वन क्षेत्र में अतिक्रमण।
  • त्रिपुरा: निर्माण कार्य और जनसंख्या दबाव।

रिपोर्ट की विशेषताएं

  1. एग्रोफॉरेस्ट्री को शामिल किया गया:
    पहली बार कृषि वानिकी के तहत उगाए गए वृक्षों को रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
  2. मैंग्रोव और बांस संसाधनों का विश्लेषण:
    रिपोर्ट में भारत के मैंग्रोव कवर और बांस के भंडार का आकलन किया गया।
  3. कार्बन स्टॉक का मूल्यांकन:
    वनों के कार्बन भंडार का डेटा दिया गया है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्वपूर्ण है।

2021 और 2023 की तुलना

वर्षकुल वन आवरणकुल वृक्ष आवरणकुल वन और वृक्ष आवरण
202121.71%2.91%24.62%
202321.76%3.41%25.17%

रिपोर्ट जारी होने में देरी

यह ISFR की 18वीं द्विवार्षिक रिपोर्ट है, जिसे एक साल की देरी से जारी किया गया। इसे 2022 में आना था।

banner

निष्कर्ष और सुझाव

  • पर्यावरणीय प्रयासों में सुधार की आवश्यकता:
    राज्यों को अवैध कटाई रोकने और शहरीकरण के प्रभाव को कम करने के लिए अधिक कठोर कदम उठाने चाहिए।
  • वृक्षारोपण अभियान तेज करें:
    वनीकरण योजनाओं को अधिक संसाधन प्रदान किए जाएं।
  • स्थानीय समुदायों की भागीदारी:
    ग्रामीण और आदिवासी समुदायों को वृक्षारोपण और वन संरक्षण में शामिल करना जरूरी है।
  • पारदर्शिता और निगरानी:
    वनों के रखरखाव के लिए सटीक डेटा और निगरानी प्रणाली आवश्यक है।

भारत में बढ़ता वन और वृक्ष आवरण देश की जलवायु और पर्यावरणीय स्थिति के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, जिन राज्यों में कमी देखी गई है, वहां तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

You may also like