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जहरीले धुएं और खतरनाक रसायनों के बीच काम करते फिरोजाबाद के मजदूर

by kishanchaubey
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फिरोजाबाद, जिसे कांच की चूड़ियों का शहर कहा जाता है, का यह उद्योग न केवल देशभर की मांग को पूरा करता है, बल्कि यहां काम करने वाले मजदूरों की खराब परिस्थितियों को लेकर लगातार चर्चा में भी रहता है।

फिरोजाबाद में लगभग 500 कांच की चूड़ी बनाने की फैक्ट्रियां हैं, जहां 5 लाख से ज्यादा मजदूर कार्यरत हैं। हालांकि, इन चूड़ियों की खूबसूरती और लोकप्रियता ने इसे एक पहचान दी है, लेकिन यहां काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।

खतरनाक कामकाजी माहौल

इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों के पास सुरक्षा उपकरणों का अभाव है। इसका मतलब है कि वे रोजाना टूटे हुए कांच के टुकड़ों से चोट लगने और भट्टियों से निकलने वाले जहरीले धुएं के संपर्क में रहने के खतरों का सामना करते हैं।

चूड़ियों को रंगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डाई और रसायन जैसे सीसा (लेड), कैडमियम और पारा बेहद जहरीले होते हैं। जब ये रसायन 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर गर्म होते हैं, तो इनसे निकलने वाला धुआं मजदूरों की सांस और फेफड़ों की बीमारियों का कारण बनता है।

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स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

  • इन कारखानों में काम करने वाले कई श्रमिक सिलिकोसिस, अस्थमा और अन्य फेफड़ों की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं।
  • लगातार जहरीले रसायनों के संपर्क में रहने के कारण श्रमिकों को त्वचा रोग और कैंसर का खतरा भी होता है।
  • सुरक्षा उपायों की कमी के चलते कई मजदूर अपनी जान गंवा बैठते हैं या गंभीर शारीरिक चोटों का शिकार हो जाते हैं।

समाधान की आवश्यकता

फिरोजाबाद के कांच उद्योग की स्थिति में सुधार लाने के लिए जरूरी है:

  1. सुरक्षा उपकरणों जैसे दस्ताने, मास्क और जूते का प्रावधान।
  2. सुरक्षित वेंटिलेशन सिस्टम और जहरीले धुएं को रोकने के उपाय।
  3. श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा उपलब्ध कराना।
  4. सरकार और फैक्ट्री मालिकों द्वारा कड़े नियम लागू करना और उनका पालन सुनिश्चित करना।

फिरोजाबाद की चूड़ियां भारतीय संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा हैं, लेकिन इस खूबसूरत कला को बनाए रखने के लिए श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। अगर समय पर सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो यह उद्योग श्रमिकों की जिंदगी की कीमत पर फलता-फूलता रहेगा।

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