Farmer Empowerment : केंद्र सरकार ने तीन साल पहले विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद अब कृषि विपणन में सुधार के लिए एक नया राष्ट्रीय नीति मसौदा पेश किया है। यह मसौदा राज्यों को “एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार” की ओर बढ़ने का सुझाव देता है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना और कृषि व्यापार को आसान बनाना है।
प्रमुख प्रस्ताव
- एकल लाइसेंस/पंजीकरण प्रणाली और एकल शुल्क:
राज्यों के लिए एकीकृत कृषि बाजार बनाने का प्रस्ताव है, जहां पूरे राज्य में केवल एक बार बाजार शुल्क लगाया जाए। - निजी थोक बाजारों की स्थापना की अनुमति:
निजी थोक बाजार खोलने और किसानों से सीधे खरीदारी की अनुमति देने की सिफारिश की गई है। इसमें प्रोसेसर, निर्यातक, संगठित रिटेलर और थोक खरीदार शामिल होंगे। - भंडारण सुविधाओं को ‘मंडी’ का दर्जा:
गोदाम, साइलो और कोल्ड स्टोरेज को ‘मंडी’ घोषित करने का प्रस्ताव है, जिससे किसान अपने उत्पाद सीधे यहां बेच सकें। - ई-व्यापार प्लेटफॉर्म की स्थापना:
निजी ई-व्यापार प्लेटफॉर्म शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही ई-नाम (e-NAM) को और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग पोर्टल का विकास होगा। - बाजार शुल्क और कमीशन शुल्क का युक्तिकरण:
राज्यों में बाजार शुल्क और कमीशन दरों को कम और एक समान बनाने पर जोर दिया गया है। - प्रत्यक्ष बिक्री पर छूट:
किसानों द्वारा सीधे बिक्री पर और अन्य राज्यों से प्रोसेसिंग के लिए लाई गई उपज पर बाजार शुल्क माफ करने का प्रस्ताव है।
समिति और योजना
यह मसौदा कृषि मंत्रालय की एक समिति द्वारा तैयार किया गया है, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त सचिव (विपणन) फैज़ अहमद किदवई ने की। इसमें सुझाव दिया गया है कि राज्यों के मंत्रियों की एक “सशक्त कृषि विपणन सुधार समिति” बनाई जाए, जो जीएसटी काउंसिल की तर्ज पर काम करेगी।
इस समिति का मुख्य उद्देश्य राज्यों के बीच सहमति बनाकर एक समान कृषि बाजार प्रणाली लागू करना होगा। इसके लिए “स्थायी सचिवालय” बनाने का भी प्रस्ताव है।
डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग
मसौदा डिजिटल सार्वजनिक ढांचे के निर्माण पर जोर देता है। इसमें ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के उपयोग से आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने का प्रस्ताव है।
वीसीसीआई (Value Chain Centric Infrastructure)
यह प्रणाली आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाएगी और लेनदेन लागत को कम करेगी।
सरकार का उद्देश्य
किसानों को उनकी उपज का सर्वोत्तम मूल्य दिलाना और कृषि विपणन को पारदर्शी और कुशल बनाना इस नीति का मुख्य लक्ष्य है।
समाज की राय मांगी गई
अक्टूबर 2024 में जारी इस मसौदे पर सरकार ने विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगे हैं, ताकि इसे व्यापक चर्चा के बाद लागू किया जा सके।