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इमू और रिया: ‘मूर्ख’ नहीं, बल्कि बुद्धिमान पक्षी, नई रिसर्च में खुलासा

by kishanchaubey
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Emu and Rhea: इमू और रिया, जिन्हें अब तक कम बुद्धिमान माना जाता था, दरअसल, उतने ‘मूर्ख’ नहीं हैं जितना लोग समझते थे। यूनाइटेड किंगडम की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के वैज्ञानिकों की एक नई रिसर्च में यह दिलचस्प जानकारी सामने आई है।

कैसे हुआ खुलासा?

वैज्ञानिकों ने इमू और रिया को एक खास तरह की समस्या हल करने का टास्क दिया, जिसे इन पक्षियों ने बड़ी आसानी से पूरा कर दिखाया। यह शोध इन पक्षियों की बौद्धिक क्षमता को बेहतर ढंग से समझने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

इमू, रिया और डायनासोर से संबंध

इमू और रिया के साथ-साथ शुतुरमुर्ग (Ostrich), कैसोवरी (Cassowary) और कीवी (Kiwi) भी पेलियोग्नाथी (Palaeognathae) नामक पक्षियों के समूह से जुड़े हैं। यह समूह आर्कोसॉरिया (Archosauria) क्लेड का हिस्सा है, जिसमें जीवाश्म डायनासोर भी आते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि ये पक्षी पृथ्वी पर मौजूद सबसे पुराने पक्षियों में से एक हैं और डायनासोर से सीधे जुड़े हुए हैं

कैसे किया गया परीक्षण?

ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इमू, रिया और शुतुरमुर्ग पर एक खास तरह का प्रयोग किया। इन पक्षियों को एक घूमने वाले पहिये (Rotating Wheel) से जुड़ा एक टास्क दिया गया, जिसमें उन्हें पहिये के छेद को एक निश्चित जगह पर लाना था ताकि वे खाने का इनाम हासिल कर सकें।

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शुतुरमुर्ग (Ostrich) – यह पक्षी इस चुनौती में कोई नया तरीका नहीं खोज पाया।
इमू (Emu) – जिन्हें पहले ‘सबसे मूर्ख पक्षी’ कहा जाता था, उन्होंने एक नया तरीका निकाला और 90% मामलों में छेद को सही दिशा में घुमा कर भोजन तक पहुंच गए।
रिया (Rhea) – एक नर रिया ने इमू की तरह ही छेद को सही दिशा में घुमाने का तरीका अपनाया, लेकिन उसने एक और नया तरीका भी खोजा—उसने पहिये के बीच में मौजूद बोल्ट को घुमाकर पूरी व्यवस्था को ही खोल दिया

क्या है इस रिसर्च का महत्व?

यह पहली बार हुआ है जब वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि इमू और रिया जैसे पेलियोग्नाथ पक्षी भी जटिल समस्याओं को हल कर सकते हैं

ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक विज्ञान विभाग (School of Psychological Science) की प्रमुख वैज्ञानिक फे क्लार्क (Fay Clark) ने कहा—
“अक्सर हम उन्हीं जीवों पर बार-बार शोध करते हैं, जिनके बारे में हमें पहले से काफी जानकारी होती है। इससे अन्य प्रजातियों के बारे में हमारी समझ सीमित रह जाती है। इमू और रिया पर ज्यादा अध्ययन न होने की वजह से हमें उनकी असली बौद्धिक क्षमता का पता नहीं चला था।”

डायनासोर के व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी!

यह शोध केवल इमू और रिया की बुद्धिमत्ता तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे वैज्ञानिकों को प्राचीन डायनासोर के व्यवहार को समझने में भी मदद मिलेगी

यदि ये पक्षी, जो डायनासोर के सबसे करीबी जीवित रिश्तेदार हैं, जटिल समस्याओं को हल कर सकते हैं, तो हो सकता है कि डायनासोर भी उतने ही चतुर और रणनीतिक तरीके से सोचने वाले जीव थे

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