environmentalstory

Home » कोलकाता में भूकंप, अंडमान-निकोबार में भारी बारिश की चेतावनी

कोलकाता में भूकंप, अंडमान-निकोबार में भारी बारिश की चेतावनी

by kishanchaubey
0 comment

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र (Low Pressure Area) के कारण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यह सिस्टम फिलहाल डिप्रेशन के रूप में है और 21 नवंबर से इसके और गहरा (Intensify) होने की संभावना जताई जा रही है। उधर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में शुक्रवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई।

भूकंप की जानकारी: राष्ट्रीय भूकंप केंद्र (NCS) और यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, बांग्लादेश के नरसिंघदी (ढाका से लगभग 50 किमी दूर) में सुबह करीब 10:10 बजे 5.5 से 5.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किमी थी। इसके झटके कोलकाता, मालदा, नादिया, कूच बिहार, दक्षिण और उत्तर दिनाजपुर सहित पश्चिम बंगाल के कई जिलों में महसूस किए गए।

पूर्वोत्तर राज्यों जैसे गुवाहाटी, अगरतला और शिलांग में भी हल्के कंपन दर्ज किए गए। झटके कुछ सेकंड ही चले, लेकिन लोग घरों और इमारतों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें लोग घबराहट में सड़कों पर नजर आ रहे हैं। धनुष में चल रहे बांग्लादेश-आयरलैंड टेस्ट मैच को भी कुछ मिनट के लिए रोका गया, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ।

अधिकारी ने बताया कि नुकसान या हताहत की कोई खबर नहीं है, लेकिन भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। यह क्षेत्र हिमालयी फॉल्ट लाइनों के करीब होने के कारण भूकंप प्रवण है।

banner

मौसम की जानकारी: मौसम विभाग के अनुसार:

निकोबार द्वीप समूह के एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश (7 से 20 सेमी तक) होने की बहुत अधिक संभावना है।

अंडमान द्वीप समूह में भी कई जगहों पर भारी बारिश (7-11 सेमी तक) दर्ज की जा सकती है।

24 और 25 नवंबर को पूरे द्वीप समूह में गरज-चमक के साथ तेज़ हवाएँ (40-50 किमी प्रति घंटा, झोंकों में 60 किमी प्रति घंटा तक) चलने और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।

समुद्र में भी स्थिति खराब रहेगी। अंडमान सागर में सतही हवाएँ 35-45 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी जो झोंकों में 55 किमी प्रति घंटा तक पहुँच सकती हैं। मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

अधिकारियों का कहना है कि अभी यह सिस्टम चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) का रूप नहीं ले रहा है, लेकिन इसकी निगरानी लगातार की जा रही है। यदि यह और तेज़ हुआ तो इसका नामकरण भी हो सकता है।

स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और जरूरी सावधानियाँ बरतने की अपील की है। कोलकाता और द्वीप समूह दोनों ही क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की दोहरी चुनौती के बीच राहत और बचाव कार्यों की तैयारी तेज कर दी गई है।

You may also like