चंडीगढ़: मंगलवार को पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मोहित मोहिंद्रा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वे पंजाब के कृषि क्षेत्र को अस्थिर करने और कॉरपोरेट्स को इसका लाभ पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं। मोहित ने कहा कि पंजाब में चल रहे धान संकट को जानबूझकर पैदा किया गया ताकि राज्य के कृषि क्षेत्र में कॉरपोरेट्स की पहुंच बढ़ाई जा सके। उन्होंने बताया कि इससे पहले पंजाब के किसानों ने केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध किया था, जो कॉरपोरेट्स को कृषि बाजार में नियंत्रण देने का प्रयास था। मोहित ने यह भी दावा किया कि मान का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रेलवे राज्य मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू के साथ नज़दीकी संबंध है, जिन्हें शाह ने चुना है।
पंजाब में शिक्षा क्षेत्र में सुधार:
वहीं दूसरी ओर, पंजाब अपने शिक्षा क्षेत्र में सुधार कर रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों में 27 लाख से अधिक माता-पिता ने पैरेंट-टीचर मीटिंग्स में भाग लिया है। उन्होंने शिक्षकों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्टाफ को नियमित करना और स्कूलों में बेहतर सुविधाएं प्रदान करने जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मान ने बताया कि सरकार का मुख्य ध्यान विश्व स्तरीय शिक्षा देने पर है, जिसके लिए स्कूलों में बेहतर बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और छात्रों के लिए संसाधनों पर भारी निवेश किया जा रहा है।
धान खरीद को लेकर केंद्र सरकार से मांग:
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि वे पंजाब के चावल मिल मालिकों की समस्याओं, जैसे परिवहन लागत और सुखाई के लिए मुआवजा, पर ध्यान दें। उन्होंने बताया कि पंजाब ने केंद्रीय खाद्यान्न भंडार में काफी योगदान दिया है और अब 120 लाख मीट्रिक टन अनाज को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। चावल मिल मालिकों ने भंडारण स्थान की कमी और धान की कुछ किस्मों का कम उत्पादन दर जैसी समस्याओं के समाधान की भी मांग की है।
धान की खरीद पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया:
केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि केंद्र सरकार पंजाब के पूरे धान की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही भंडारण से जुड़ी समस्याओं की अफवाहें चल रही हों। उन्होंने राज्य-विशेष रियायतों की मांगों को खारिज करते हुए कहा कि खरीद नियम पूरे भारत के लिए समान हैं। जोशी ने बताया कि भंडारण क्षमता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं, और इस वर्ष अधिक नमी वाले धान के कारण खरीद में कुछ समस्याएं भी आई हैं।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव:
पंजाब के कृषि क्षेत्र में अनिश्चितता और कॉरपोरेट्स की संभावित पहुंच का पर्यावरण पर बड़ा असर हो सकता है। छोटे और मझोले किसान अपनी फसलें उगाने में कठिनाई महसूस करेंगे, जिससे अधिक भूमि का उपयोग रसायनों और मशीनरी से की जाने वाली कॉरपोरेट कृषि के लिए किया जाएगा। इससे मिट्टी और जल प्रदूषण बढ़ सकता है, जो स्थानीय पर्यावरण और जैव विविधता के लिए हानिकारक है।
शैक्षिक सुधार के प्रयास बच्चों को बेहतर और सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण प्रदान करेंगे, जिससे उनकी मानसिक और शारीरिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वहीं, यदि धान की खरीद में केंद्र द्वारा सहयोग नहीं किया गया, तो इससे स्थानीय किसान आर्थिक संकट में पड़ सकते हैं, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।