नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने हरियाणा में बढ़ते कैंसर मामलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने घग्गर नदी के प्रदूषण को इस बीमारी के फैलने का एक मुख्य कारण बताया। लोकसभा में कांग्रेस सांसद के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि “भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन ने यह खुलासा किया है कि नदी के किनारे रहने वाले लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।”
प्रदूषण और स्वास्थ्य पर अध्ययन के निष्कर्ष
मंत्री ने कहा कि:
- “ह्यूमन हेल्थ रिस्क असेसमेंट” अध्ययन से पता चलता है कि नदी के किनारे रहने वाले लोगों पर कैंसर का खतरा अधिक है।
- अध्ययन में लेड, आयरन और एल्युमीनियम जैसे भारी धातु केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के तय मानकों से अधिक मात्रा में पाए गए हैं।
- “हैज़र्ड क्वोटिएंट” की गणना से यह स्पष्ट हुआ है कि घग्गर नदी का पानी इंसानों के लिए गैर-कार्सिनोजेनिक (गैर-कैंसरकारी) जोखिम की उच्च सीमा को भी पार कर चुका है।
घग्गर नदी का पानी पीने के लिए असुरक्षित
मंत्री जाधव ने बताया कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने पुष्टि की है कि घग्गर नदी का पानी पीने के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।
कुमारी शैलजा ने सरकार से यह जानकारी मांगी थी:
- हरियाणा में कैंसर के मरीजों की संख्या।
- कैंसर मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न जिलों में बनाए गए विशेष कैंसर वार्ड।
- घग्गर नदी के प्रदूषित पानी और कैंसर के मामलों के बीच संबंध।
घग्गर नदी की निगरानी और जल गुणवत्ता की स्थिति
मंत्री ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (SPCBs) ने मिलकर एक “राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (NWMP)” स्थापित किया है।
- घग्गर नदी की निगरानी के स्थान:
- पंजाब में 18 स्थान।
- हरियाणा में 9 स्थान।
2023 में पंजाब और हरियाणा में घग्गर नदी के जल गुणवत्ता परिणाम बताते हैं कि नदी का पानी “बाहरी स्नान” के लिए भी उपयुक्त नहीं है।
हरियाणा में कैंसर के बढ़ते मामले: बड़ा खतरा
घग्गर नदी के प्रदूषण से जुड़े स्वास्थ्य खतरे हरियाणा में कैंसर के मामलों में वृद्धि के मुख्य कारण बनते जा रहे हैं। सरकार ने इस मुद्दे पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि प्रदूषण नियंत्रण के ठोस कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है।
- कैंसर मरीजों की संख्या में वृद्धि गंभीर चिंता का विषय है।
- घग्गर नदी के प्रदूषित पानी की वजह से प्रभावित ग्रामीणों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
समस्या का समाधान
- घग्गर नदी की सफाई:
- प्रदूषण के स्रोतों की पहचान और रोकथाम।
- उद्योगों से निकलने वाले जहरीले कचरे का प्रबंधन।
- कैंसर मरीजों के लिए सुविधाएं:
- हर जिले में विशेष कैंसर वार्ड का निर्माण।
- सस्ती और सुलभ चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता।
- ग्रामीण जागरूकता:
- प्रदूषित पानी से होने वाले स्वास्थ्य खतरों के बारे में जानकारी देना।
- स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करना।