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हावड़ा की गंदी नहर, दिल्ली के नाले: NGT का बड़ा आदेश!

by kishanchaubey
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण को बचाने के लिए दो बड़े मामलों में सख्त कदम उठाए हैं। पहला मामला पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में फैक्ट्रियों से होने वाले प्रदूषण का है, और दूसरा दिल्ली में कुशक और सुनेहरी पुल नालों की सफाई से जुड़ा है।

दोनों मामलों में एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य एजेंसियों को तुरंत कार्रवाई करने और विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। आइए, इन दोनों मामलों को आसान और विस्तृत तरीके से समझते हैं।

1. हावड़ा, पश्चिम बंगाल: फैक्ट्रियों से प्रदूषण पर एनजीटी का एक्शन

क्या है मामला?
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में डोमजुर ब्लॉक के पुरबान्नापाड़ा गांव में कई फैक्ट्रियाँ और वर्कशॉप्स पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इनसे निकलने वाली जहरीली गैसें और औद्योगिक कचरा स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। खासकर, सरस्वती नहर में फैक्ट्रियों का गंदा पानी और कचरा डाला जा रहा है, जिससे नहर जाम हो गई है और आसपास का पर्यावरण खराब हो रहा है।

कैसे शुरू हुआ मामला?
18 जुलाई 2024 को नंदिनी चक्रवर्ती नाम की एक याचिकाकर्ता ने एनजीटी को ईमेल के जरिए शिकायत की। उन्होंने इलाके की दयनीय स्थिति को दिखाने के लिए तस्वीरें भी भेजीं। इन तस्वीरों में जहरीली गैसों, गंदी नहर और प्रदूषण की समस्या साफ दिख रही थी।

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एनजीटी की कार्रवाई:

  • 4 दिसंबर 2024 को पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (WBPCB) ने इलाके का निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई फैक्ट्रियों और वर्कशॉप्स द्वारा पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पाया गया।
  • 16 अप्रैल 2025 को एनजीटी की पूर्वी बेंच ने सुनवाई की। ट्रिब्यूनल ने WBPCB को निर्देश दिया कि:
    • प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करें।
    • याचिकाकर्ता की तस्वीरों में दिखाई गई समस्याओं (जहरीली गैस, गंदा पानी, नहर में कचरा) का समाधान करें और इसकी जानकारी रिपोर्ट में दें।
  • एनजीटी ने यह भी कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ, ताकि स्थानीय लोगों को साफ हवा और पानी मिल सके।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?

  • पुरबान्नापाड़ा गांव के लोग जहरीली गैसों और गंदे पानी की वजह से बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
  • सरस्वती नहर का जाम होना न सिर्फ पर्यावरण के लिए, बल्कि खेती और स्थानीय जल स्रोतों के लिए भी खतरा है।
  • यह मामला पूरे देश में औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने की जरूरत को दर्शाता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • पश्चिम बंगाल में हावड़ा एक औद्योगिक केंद्र है, जहाँ छोटी-बड़ी फैक्ट्रियाँ धातु, रसायन और अन्य उत्पाद बनाती हैं।
  • एनजीटी ने पहले भी कई बार प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर जुर्माना लगाया है या उन्हें बंद करने का आदेश दिया है।
  • सरस्वती नहर जैसे जल स्रोतों का प्रदूषण जैव-विविधता और मछलियों जैसे जल-जीवों के लिए भी हानिकारक है।

2. दिल्ली: कुशक और सुनेहरी पुल नालों की सफाई पर एनजीटी का सख्त आदेश

क्या है मामला?
दिल्ली के कुशक और सुनेहरी पुल नालों में गंदगी और कचरे का अंबार लगा है। इन नालों में भारी मात्रा में गाद (सिल्ट), निर्माण मलबा और गंदा पानी जमा है, जिससे बारिश के मौसम में जलभराव और बदबू की समस्या बढ़ जाती है। एनजीटी ने इन नालों की सफाई के लिए तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया है, ताकि मानसून से पहले स्थिति सुधर जाए।

कैसे सामने आया मामला?

  • यह मामला दिल्ली के 24 नालों की सफाई से जुड़ा है, लेकिन कुशक और सुनेहरी पुल नालों पर खास ध्यान दिया गया है।
  • कोर्ट आयुक्त सिद्धार्थ लूथरा की एक रिपोर्ट में बताया गया कि:
    • सुनेहरी पुल नाले का कुछ हिस्सा पूरी तरह ढका हुआ है, जहाँ मैनहोल टूटे हैं और लोहे की चादरें जंग खा चुकी हैं।
    • ढके हिस्सों में निर्माण मलबा और कचरा भरा है।
    • खुले हिस्सों से कचरा बार-बार नाले में गिर रहा है।
    • कुछ जगहों पर गंदा पानी सीधे बरसाती नालों में डाला जा रहा है, जो नियमों के खिलाफ है।
  • तस्वीरों में कुशक और सुनेहरी नालों के मिलन बिंदु की खराब स्थिति साफ दिखी।

एनजीटी की सुनवाई (16 अप्रैल 2025):

  • दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को कुशक और सुनेहरी नालों के ढके हिस्सों की सफाई और गाद हटाने (डीसिल्टिंग) की पूरी जिम्मेदारी दी गई।
  • दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (आईएंडएफसीडी) इस काम में एमसीडी की मदद करेंगे।
  • दिल्ली के मुख्य सचिव ने वर्चुअल सुनवाई में बताया:
    • ढके हिस्सों को 50 मीटर के टुकड़ों में तोड़ा जाएगा।
    • पहले 50 मीटर हिस्से को 10 दिनों में साफ किया जाएगा, फिर यही प्रक्रिया बाकी हिस्सों पर लागू होगी।
  • एमसीडी आयुक्त ने कहा कि डिफेंस कॉलोनी से बहने वाले नाले (खुले और ढके दोनों हिस्सों) की सफाई उनकी जिम्मेदारी है। ढके हिस्सों को लंबे समय तक खोलकर साफ किया जाएगा।
  • खुले हिस्सों की सफाई आईएंडएफसीडी करेगा।
  • डीजेबी ने वादा किया कि वे एमसीडी को पूरा सहयोग देंगे।

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