22 जुलाई 2025 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान का धौलपुर देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 217 दर्ज किया गया। यह स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 1,347% अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। धौलपुर की हवा में PM2.5 कणों की अधिकता प्रमुख कारण रही। इसके बाद बारां (AQI 181) और नंदेसरी (AQI 176) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
सूरत (AQI 142) और कोटा (AQI 130) भी शीर्ष पांच प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। अगरतला, भागलपुर, धनबाद, ग्रेटर नोएडा और राजगीर भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हैं। इन शहरों में PM2.5 और PM10 कणों का स्तर चिंताजनक है।दूसरी ओर, मिजोरम की राजधानी आइजोल में AQI 15 के साथ देश की सबसे साफ हवा दर्ज की गई। धौलपुर की तुलना में आइजोल की स्थिति 13 गुना बेहतर है।
देश के 97 शहरों, जैसे मुंबई, भोपाल, बेंगलुरु, कोलकाता, जालंधर, और नागपुर में हवा ‘बेहतर’ (AQI 0-50) रही। वहीं, दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ सहित 109 शहरों में AQI 51-100 के बीच रहा, जो ‘संतोषजनक’ है। 13 शहरों, जैसे सूरत, कोटा, और ग्रेटर नोएडा में AQI 101-200 के बीच रहा, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।
कल की तुलना में अमृतसर में AQI 234 से घटकर 32 पर पहुंचा, जो 202 अंकों का उल्लेखनीय सुधार है। दिल्ली में भी प्रदूषण में कमी आई, जहां AQI 93 से घटकर 88 हुआ। हालांकि, दिल्ली में पिछले चार महीनों (जनवरी-अप्रैल 2025) में एक भी दिन ‘बेहतर’ हवा नहीं रही। नवंबर 2024 में आठ दिन और दिसंबर 2024 में छह दिन दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ थी।
आंकड़ों के मुताबिक, देश के 44% शहरों में हवा साफ, 50% में संतोषजनक, और 6% में चिंताजनक है। साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 9% और संतोषजनक हवा वाले शहरों में 2% की वृद्धि हुई, जबकि मध्यम श्रेणी वाले शहरों में 18% का इजाफा हुआ।वायु गुणवत्ता सूचकांक 0-50 को ‘बेहतर’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बेहद खराब’, और 401-500 को ‘गंभीर’ माना जाता है। ‘गंभीर’ स्थिति स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकती है।