केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से पता चला है कि देश में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बिगड़ रहा है। राजस्थान के धारूहेड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 434 पर पहुंच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा से 2,790 फीसदी अधिक है।
कल सरकारी आंकड़ों में धारूहेड़ा का जिक्र तक नहीं था, लेकिन आज यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। वहां हवा में पीएम2.5 कण पूरी तरह हावी हैं, जो लोगों को गंभीर बीमारियां देने के लिए काफी हैं।दूसरी ओर, मेघालय की राजधानी शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां AQI महज 12 रिकॉर्ड किया गया। धारूहेड़ा की तुलना में शिलांग की स्थिति 35 गुणा बेहतर है।
देश के टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहर
आंकड़ों के विश्लेषण से आज के टॉप-10 प्रदूषित शहर इस प्रकार हैं:
धारूहेड़ा (राजस्थान) – 434 (गंभीर) मेरठ (उत्तर प्रदेश) – 381 (बेहद खराब) भिवाड़ी (राजस्थान) – 376 (बेहद खराब) दिल्ली – 366 (बेहद खराब) गुरुग्राम (हरियाणा) – 357 (बेहद खराब) गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) – 351 (बेहद खराब) बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) – 348 (बेहद खराब) करनाल (हरियाणा) – 348 (बेहद खराब) नोएडा (उत्तर प्रदेश) – 348 (बेहद खराब) हापुड़ (उत्तर प्रदेश) – 346 (बेहद खराब)
गौरतलब है कि टॉप-10 में उत्तर प्रदेश के 5 शहर (मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नोएडा, हापुड़) शामिल हैं। दिल्ली में कल से AQI में 63 अंकों का उछाल हुआ है, जो WHO मानकों से 2,340 फीसदी अधिक प्रदूषित है। फरीदाबाद में AQI 215 (मध्यम) रिकॉर्ड किया गया, जो कल से 19 अंकों अधिक है।
