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दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब, मंगलवार को AQI 433 पर पहुंचा

by kishanchaubey
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मंगलवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 433 तक पहुंच गया, जो “गंभीर श्रेणी” में आता है। पूरे शहर में जहरीली धुंध छाई रही। यह पिछले एक महीने में सबसे खराब स्तर की वायु गुणवत्ता थी। इससे पहले 19 नवंबर को AQI 460 रिकॉर्ड किया गया था।

बुधवार और गुरुवार का पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बुधवार को भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रह सकती है, लेकिन गुरुवार को यह “बहुत खराब” श्रेणी में आ सकती है। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों के लिए “यलो अलर्ट” जारी किया है और मध्यम से घने कोहरे की चेतावनी दी है। मंगलवार सुबह सफदरजंग स्टेशन पर दृश्यता 350 मीटर तक सीमित रही।

पिछले 48 घंटों में प्रदूषण का बढ़ना
पिछले 48 घंटों में वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। सोमवार शाम 4 बजे AQI 379 था, जो “बहुत खराब” श्रेणी में था। रात 10 बजे यह “गंभीर” स्तर पर पहुंचकर 401 हो गया। शांत हवाओं और हल्के से मध्यम कोहरे के कारण प्रदूषण के स्तर में यह बढ़ोतरी हुई।

पिछले महीने और दिसंबर की स्थिति
नवंबर में 8 दिनों तक AQI “गंभीर” स्तर पर रहा, जिसमें से दो दिन “गंभीर+” श्रेणी (450 से ऊपर) में थे। 18 नवंबर को AQI 494 तक पहुंच गया था, जो अब तक का दूसरा सबसे प्रदूषित दिन था। दिसंबर के पहले पखवाड़े में स्थिति नवंबर की तुलना में थोड़ी बेहतर रही, लेकिन यह पिछले साल की तुलना में खराब है।

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प्रदूषण के कारण और प्रभाव
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की अनुसंधान और वकालत निदेशक, अनुपमा रॉय चौधरी ने कहा कि सर्दियों के दूसरे हिस्से में प्रदूषण बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। ठंडी और शांत हवाओं के कारण यह समस्या और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि PM2.5 के वार्षिक और सर्दियों के औसत स्तरों में बढ़ोतरी हो रही है, और इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्रदूषण के इस स्तर का स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। सांस की बीमारियां, जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस, बढ़ सकती हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक इस हवा में सांस लेने से हृदय और फेफड़ों की बीमारियां भी हो सकती हैं।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार को “ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP)” के तहत चरण-IV (‘गंभीर+’) के उपाय लागू किए हैं। शांत मौसम और अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण प्रदूषण बढ़ा है, जिसे नियंत्रित करने के लिए आपात बैठक बुलाई गई। इसके तहत NCR क्षेत्र में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

स्कूलों के लिए निर्देश
दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) ने सभी स्कूलों को कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन का मिश्रण) अपनाने का निर्देश दिया है। यह आदेश दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा के स्कूलों पर लागू होगा। पहले से ही 25 नवंबर से सभी स्कूलों ने हाइब्रिड मोड अपनाया था और 5 दिसंबर से कक्षाएं शुरू हुई थीं।

प्रदूषण से बचाव के उपाय

  1. घर से बाहर निकलने पर N95 मास्क पहनें।
  2. सुबह और रात के समय व्यायाम करने से बचें।
  3. खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, खासकर जब AQI गंभीर हो।
  4. हवा को साफ रखने वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  5. ज्यादा पानी पिएं और फेफड़ों को मजबूत करने वाले व्यायाम करें।

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी कदमों के साथ-साथ नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा।

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