Air Pollution News: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों से साफ है कि 22 दिसंबर को दिल्ली की हवा फिर जहरीली साबित हुई। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 दर्ज किया गया, जो इसे देश का सबसे प्रदूषित शहर बनाता है। PM2.5 कणों की अधिकता से स्थिति बेहद खराब बनी रही, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा (5 माइक्रोग्राम/घन मीटर) से 2,300 फीसदी ऊपर है। 21 दिसंबर के 377 AQI से चार अंकों का मामूली सुधार आया, लेकिन स्वास्थ्य जोखिम बरकरार हैं।
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश का दमोह सबसे साफ हवा वाला शहर रहा, जहां AQI सिर्फ 34 था। दिल्ली से तुलना करें तो प्रदूषण 10 गुना अधिक है। 233 शहरों के विश्लेषण में महज 2.6% (6 शहर) में हवा साफ (0-50), 20.2% (47 शहर) में संतोषजनक (51-100), जबकि 77.2% में चिंताजनक स्थिति रही। कल से साफ हवा वाले शहरों में 14% गिरावट, संतोषजनक में 10% कमी आई, लेकिन खराब शहरों में 24% इजाफा हुआ। बेहद खराब शहरों में 13% कमी राहत की बात है।
प्रदूषण की दौड़ में नोएडा (366) दूसरे, गाजियाबाद (360) तीसरे, बहादुरगढ़ (352) चौथे, सिंगरौली (347) पांचवें, बालासोर (332) छठे, ग्रेटर नोएडा (332) सातवें, गुरुग्राम (331) आठवें, रोहतक (327) नौवें और अंगुल (321) दसवें स्थान पर। उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के तीन (बहादुरगढ़, रोहतक, गुरुग्राम) शहर टॉप 10 में। फरीदाबाद का AQI 234 रहा, जो खराब श्रेणी में है।
साफ हवा वाले शहर: आइजोल, चामराजनगर, दमोह, पंपोर, शिलांग, श्रीनगर। संतोषजनक: फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हैदराबाद, इंदौर, मैसूर आदि (47 शहर)। मध्यम (101-200): आगरा, अहमदाबाद, बेंगलुरु, मुंबई (104), चेन्नई (121), लखनऊ (222) आदि (120 शहर)। खराब (201-300): अमृतसर, कानपुर, पुणे आदि (47 शहर)। बेहद खराब (301-400): दिल्ली, नोएडा आदि (13 शहर)।
AQI पैमाने के अनुसार, 0-50 साफ, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बेहद खराब, 401-500 गंभीर। दिल्ली में नवंबर-दिसंबर में गंभीर दिन बढ़े हैं, जबकि मानसून में सुधार था। विशेषज्ञों का कहना है कि वाहन उत्सर्जन, पराली जलाना और मौसमी कारक जिम्मेदार हैं। सरकार ने GRAP-3 लागू किया है, लेकिन लंबे उपाय जरूरी।
