चीन के युन्नान प्रांत के फलों के बगीचों में रहने वाले चमगादड़ों के गुर्दे में दो नए हेनिपावायरस पाए गए हैं, जो घातक निपाह और हेंड्रा वायरस से निकटता से संबंधित हैं। युन्नान इंस्टीट्यूट ऑफ एंडेमिक डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और दाली विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 10 प्रजातियों के 142 चमगादड़ों का आनुवंशिक विश्लेषण किया, जिसमें 20 नए वायरस, एक जीवाणु और एक प्रोटोजोआ परजीवी मिले।
इनमें युन्नान बैट हेनिपावायरस 1 और 2 विशेष रूप से चिंताजनक हैं, क्योंकि इनके जीन का आधा हिस्सा निपाह और हेंड्रा से मिलता-जुलता है, जो मनुष्यों में 70-80% मृत्यु दर के साथ सांस और मस्तिष्क संबंधी गंभीर बीमारियां पैदा करते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि ये वायरस चमगादड़ों के गुर्दे में मौजूद हैं, जो मूत्र उत्पादन से जुड़ा है। मूत्र से दूषित फल या पानी के जरिए इनके फैलने का खतरा है, जैसा निपाह के पिछले प्रकोपों में देखा गया। चमगादड़ों को ग्रामीण गांवों के पास बगीचों में पकड़ा गया, जिससे मनुष्यों और पालतू जानवरों में संचरण की आशंका बढ़ती है।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये वायरस प्रजातियों के बीच फैल सकते हैं या नहीं। पीएलओएस पैथोजन्स में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने इन पर कड़ी निगरानी और प्रयोगशाला अध्ययन की जरूरत बताई।
चमगादड़ पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो परागण, मिट्टी की उर्वरता और कीट नियंत्रण में मदद करते हैं। चीन में कीटभक्षी चमगादड़ सेब किसानों को सालाना 2 अरब डॉलर बचाते हैं। मगर मानव बस्तियों के करीब उनकी मौजूदगी जोखिम बढ़ाती है। कोविड-19 महामारी के बाद यह खोज चमगादड़ों से उभरने वाली बीमारियों पर सतर्कता की चेतावनी है।