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दुर्लभ मछली के पर्यावास को नुकसान: निर्माण कंपनी पर $30,000 का जुर्माना

by kishanchaubey
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सिडनी के उत्तरी तट पर एक सरकारी हाई स्कूल के निर्माण में शामिल ADCO कंस्ट्रक्शन कंपनी पर $30,000 का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना इसलिए लगा क्योंकि निर्माण स्थल से गंदा और मिट्टी से भरा पानी कर्ल कर्ल क्रीक में बह रहा था, जो सिडनी की एक दुर्लभ मछली क्लाइंबिंग गैलेक्सियास का एकमात्र निवास स्थान है।

क्या हुआ?

  • जनवरी 2024: भारी बारिश के बाद स्थानीय निवासियों ने पहली बार क्रीक में गंदगी देखी।
  • जून 2024: एनएसडब्ल्यू पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण (EPA) ने जांच के दौरान पाया कि निर्माण स्थल से मिट्टी और अन्य प्रदूषक पानी में बहकर क्रीक तक पहुंच रहे थे।
  • EPA ने पहले भी ADCO को इस मुद्दे पर चेतावनी दी थी, लेकिन पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए।

क्रीक का महत्व
कर्ल कर्ल क्रीक एक अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील जलीय पर्यावास है।

  • यहां क्लाइंबिंग गैलेक्सियास मछली पाई जाती है, जो लगभग 90 मिलियन साल पुरानी प्रजाति है।
  • यह दुर्लभ मछली चट्टानों और झरनों पर चढ़ने की क्षमता के लिए जानी जाती है।
  • इसके अलावा, क्रीक में दो प्रकार की क्रेफ़िश और अन्य जलीय प्रजातियां भी रहती हैं।

प्रभाव

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  • गंदगी और मिट्टी के कारण क्रीक में अत्यधिक गाद जमा हो गई है, जिससे जलीय जीवन को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
  • इस प्रदूषण के कारण मछली और अन्य प्रजातियों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है।
  • स्थानीय पर्यावरणविद् मैल्कम फिशर ने बताया कि इस प्रदूषण ने क्रीक की ‘ए-ग्रेड क्वालिटी’ को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

कार्रवाई और कंपनी की प्रतिक्रिया

  • EPA ने ADCO को जुर्माना लगाते हुए कहा कि साइट पर प्रदूषण नियंत्रण के पर्याप्त उपाय नहीं थे, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
  • ADCO ने अपनी सफाई में कहा कि भारी बारिश और अन्य परिस्थितियों के कारण यह समस्या हुई।
  • कंपनी ने यह भी दावा किया कि उन्होंने शुरू से ही मिट्टी के कटाव और गंदगी को रोकने के लिए विशेषज्ञों की सलाह ली थी।
  • अब कंपनी ने एक अतिरिक्त स्टॉर्मवॉटर फिल्ट्रेशन सिस्टम लगाया है।

स्थानीय निवासियों की मांग
मैल्कम फिशर और अन्य स्थानीय निवासियों ने EPA से आग्रह किया है कि कंपनी पर सिर्फ जुर्माना ही न लगाया जाए, बल्कि उन्हें:

  1. क्रीक की स्थिति की निगरानी के लिए अतिरिक्त खर्च उठाने के लिए बाध्य किया जाए।
  2. क्रीक के प्राकृतिक पर्यावास को बहाल करने के लिए कदम उठाए जाएं।

क्रीक की वर्तमान स्थिति

  • भारी गाद और मिट्टी जमा होने से क्रीक अब भी बुरी हालत में है।
  • बारिश न होने के बावजूद, जब स्थानीय लोग कुछ हफ्ते पहले क्रीक देखने गए, तो उसकी हालत “चौंकाने वाली” थी।
  • मछलियों और अन्य प्रजातियों के जीवित रहने की स्थिति अब भी अनिश्चित है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

  1. जलीय जीवन पर असर
    • प्रदूषित पानी मछलियों और अन्य जीवों के लिए जहरीला साबित हो सकता है।
    • मिट्टी और गाद जमा होने से पानी में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो जलीय जीवन के लिए खतरनाक है।
  2. स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर असर
    • क्रीक के आसपास की जैव विविधता खतरे में है।
    • क्रीक का दूषित पानी अन्य जल स्रोतों को भी प्रभावित कर सकता है।
  3. मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
    • यदि यह प्रदूषित पानी अन्य जल स्रोतों में मिल गया, तो यह पीने के पानी को भी दूषित कर सकता है।
    • स्थानीय निवासियों के लिए त्वचा और सांस संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

समाधान और सुझाव

  1. मिट्टी कटाव रोकने के उपाय:
    • निर्माण स्थलों पर प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली लागू करें।
  2. नियमित निगरानी:
    • क्रीक और अन्य जल स्रोतों की नियमित निगरानी होनी चाहिए।
  3. दंड और जवाबदेही:
    • निर्माण कंपनियों पर जुर्माने के साथ उन्हें पर्यावरण बहाली में निवेश के लिए बाध्य किया जाए।
  4. समुदाय की भागीदारी:
    • स्थानीय निवासियों को जागरूक और इन परियोजनाओं की निगरानी में शामिल किया जाए।

निष्कर्ष:
कर्ल कर्ल क्रीक का प्रदूषण दुर्लभ मछली और अन्य जलीय जीवन के लिए एक गंभीर खतरा है। इस घटना से हमें सीख लेनी चाहिए कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है।

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