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चक्रवात चिडो: मयोट द्वीपसमूह पर सदी की सबसे बड़ी तबाही

by kishanchaubey
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14 दिसंबर 2024 को, भारतीय महासागर में स्थित फ्रांसीसी क्षेत्र मयोट पर चक्रवात चिडो ने भारी तबाही मचाई। मयोट के प्रीफेक्ट फ्रांस्वा-जेवियर बियुविले के अनुसार, यह तबाही पिछले 90 वर्षों में सबसे भयानक है। अनुमान है कि सैकड़ों या हजारों लोगों की जान जा चुकी है।

चक्रवात कितना शक्तिशाली था?

चक्रवातों को उनकी हवाओं की गति के आधार पर पांच श्रेणियों में बांटा जाता है:

  • 120-150 किमी/घंटा: न्यूनतम क्षति
  • 150-180 किमी/घंटा: मध्यम क्षति
  • 180-210 किमी/घंटा: व्यापक क्षति
  • 210-250 किमी/घंटा: अत्यधिक क्षति

चक्रवात चिडो की हवाओं की गति 215-220 किमी/घंटा थी, जिससे इसे “अत्यधिक क्षति” वाली श्रेणी में रखा गया। मयोट द्वीप पर यह चक्रवात अपने साथ तेज़ हवाओं, भारी बारिश, और तटीय बाढ़ लेकर आया, जिसने पूरे क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया।

चक्रवातों में बदलाव का कारण: जलवायु परिवर्तन

चक्रवात प्राकृतिक घटनाएं हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन ने इन्हें और खतरनाक बना दिया है।

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  • गर्म महासागर: महासागरों की सतह का बढ़ता तापमान चक्रवातों को अधिक ऊर्जा देता है, जिससे वे अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं।
  • समुद्र स्तर में वृद्धि: समुद्र का स्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ और अधिक विनाशकारी हो गई है।
  • मानव गतिविधियां: नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन, जैसे कार्बन उत्सर्जन और वनों की कटाई, इन परिवर्तनों के पीछे मुख्य कारण हैं।

आधुनिक चक्रवात क्यों अधिक खतरनाक हैं?

  • तेज़ी से ताकतवर होते हैं: गर्म और ऊर्जा से भरपूर वातावरण में बनने वाले चक्रवात अब पहले से ज्यादा जल्दी ताकतवर हो जाते हैं।
  • धीमी गति: ये चक्रवात अब धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, जिससे ये लंबे समय तक एक ही क्षेत्र पर प्रभाव डालते हैं।
  • ज्यादा बारिश और बाढ़: ये भारी मात्रा में बारिश लाते हैं और तटीय इलाकों में विनाशकारी बाढ़ का कारण बनते हैं।
  • ज्यादा समय तक प्रभावी: आधुनिक चक्रवात अपनी ताकत को लंबे समय तक बनाए रखते हैं, जिससे उनका प्रभाव क्षेत्र बढ़ जाता है।

पिछले दशकों में चक्रवातों की बढ़ती संख्या

महासागरों की सतह का तापमान बढ़ने से चक्रवातों की संख्या भी बढ़ रही है।

  • 1970 में उत्तरी अटलांटिक महासागर में प्रति वर्ष औसतन 11 चक्रवात आते थे।
  • 2023 तक यह औसत बढ़कर 20.6 हो गया।

क्लाइमेट काउंसिल के अनुसार, “आज के समय में बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात गर्म, गीले और ज्यादा ऊर्जा से भरपूर वातावरण में बनते हैं। इसका मतलब है कि ये ज्यादा ताकतवर, ज्यादा बारिश लाने वाले और ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले हो सकते हैं।”

आगे की चुनौती और समाधान

  • तटीय प्रबंधन: समुद्र तटों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना।
  • जलवायु नीति: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती।
  • आपदा प्रबंधन: बेहतर तकनीकों और पूर्व चेतावनी प्रणाली से चक्रवातों का सामना करना।

चक्रवात चिडो ने न केवल मयोट में तबाही मचाई, बल्कि जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को भी उजागर किया। यह घटना हमें सतर्क करती है कि अगर अब भी हम नहीं जागे, तो आने वाले समय में ऐसी प्राकृतिक आपदाएं और ज्यादा विनाशकारी होंगी।

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