Climate change: विश्व बैंक समूह की रिपोर्ट “लोग बदलते जलवायु में” (People in a Changing Climate) ने 72 जलवायु देश और विकास रिपोर्ट्स (CCDRs) की मुख्य जानकारी को संकलित किया है। नवंबर 2024 में COP29 में जारी इस रिपोर्ट में जलवायु संकट से निपटने में लोगों की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया गया है।
रिपोर्ट का कहना है कि लोग न केवल जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होते हैं, बल्कि समाधान का हिस्सा भी बनते हैं। यह रिपोर्ट निम्न, मध्यम और उच्च-आय वाले देशों में जलवायु जोखिमों को कम करने और टिकाऊ विकास के लिए सामूहिक प्रयासों को गति देती है।
निम्न-आय वाले देशों पर बड़ा असर
जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर गरीब देशों पर पड़ रहा है। बढ़ते तापमान के कारण श्रमिक उत्पादकता में गिरावट आई है। रिपोर्ट ने बताया कि नीतियां, जो लोगों, मजबूत बुनियादी ढांचे और आर्थिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जलवायु जोखिमों को कम कर सकती हैं।
उदाहरण के तौर पर:
- मलावी: सूखे के कारण 14% लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जाएंगे।
- घाना: 2040 तक जलविद्युत उत्पादन क्षमता में 8-30% की गिरावट होगी।
- आर्मेनिया: 2050 तक वर्षा-आधारित फसल उत्पादन में गिरावट।
- अर्जेंटीना: कृषि उत्पादन में गिरावट के कारण $2.1 बिलियन (GDP का 0.6%) का नुकसान।
- दक्षिण अफ्रीका और लेबनान: कृषि उत्पादन और रोजगार में गिरावट।
- उजबेकिस्तान और जिम्बाब्वे: जलजनित बीमारियां 2040-2050 तक बढ़ेंगी।
पानी: समाधान का केंद्र
रिपोर्ट के दूसरे भाग में पानी को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया गया। पानी की उपलब्धता कृषि, खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास और पर्यावरण के लिए अहम है। जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा और बाढ़ जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
- सूखा: ऊर्जा उत्पादन, खाद्य सुरक्षा और कृषि को प्रभावित करता है।
- बाढ़: जान-माल का नुकसान, जलजनित बीमारियां और विस्थापन जैसी समस्याएं।
प्रभावित देशों के उदाहरण:
मलावी, घाना और आर्मेनिया जैसे देशों में पानी की कमी और जलवायु संकट ने कमजोर वर्गों पर गंभीर प्रभाव डाला है। CCDRs ने पानी प्रबंधन को मजबूत करने और जलवायु सहनशीलता बढ़ाने के लिए देश-विशिष्ट समाधान सुझाए हैं।
शहरों में पानी की चुनौतियां और समाधान
शहरों में बढ़ती आबादी, औद्योगिक विस्तार और खराब जल निकासी व्यवस्था जल संकट को बढ़ा रही है। CCDRs ने सुझाया कि:
- अपशिष्ट जल प्रबंधन को बेहतर बनाया जाए।
- सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए।
- निगरानी प्रणाली विकसित की जाए ताकि जल शोधन संयंत्रों की गुणवत्ता और दक्षता सुनिश्चित हो सके।
जल क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता
रिपोर्ट में बताया गया कि जल क्षेत्र में $1.8 ट्रिलियन का निवेश 2020 से 2030 तक $7.1 ट्रिलियन के लाभ दे सकता है। हालांकि, CCDR देशों में इस क्षेत्र में निवेश केवल GDP का 0.5% ही है।
हरित ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों पर ध्यान
रिपोर्ट ने ऊर्जा, परिवहन और शहरी विकास में हरित बदलाव पर भी जोर दिया। कम-उत्सर्जन वाले परिवहन और टिकाऊ बुनियादी ढांचे में निवेश की आवश्यकता है।
निम्न-आय वाले देशों के लिए सहयोग जरूरी
रिपोर्ट में कहा गया कि निम्न-आय वाले देशों को जलवायु संकट से निपटने के लिए अधिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता है। अमीर देशों को डिकार्बनाइजेशन में नेतृत्व करना होगा और नई तकनीकों को साझा करना होगा।