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Climate Change : 2024 में जलवायु परिवर्तन ने वैश्विक जल चक्र को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे भयंकर जल संकट और आपदाएं हुईं। इन आपदाओं में 8,700 से अधिक लोगों की मौत हुई, 4 करोड़ लोग विस्थापित हुए और ₹45 लाख करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ। यह जानकारी 2024 ग्लोबल वॉटर मॉनिटर रिपोर्ट में सामने आई, जिसे ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी ने जारी किया
भारत में वायनाड भूस्खलन ने बढ़ाई चिंताएं
जुलाई 2024 में केरल के वायनाड जिले में 24 घंटे में 409 मिमी भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन ने तबाही मचाई।
- मृत्यु: 375 लोगों की मौत।
- विस्थापन: 10,000 लोग बेघर।
- आर्थिक नुकसान: ₹1,160 करोड़।
पानी से जुड़ी वैश्विक आपदाएं
- अफगानिस्तान और पाकिस्तान:
भारी बारिश से आई बाढ़ में 1,000 से अधिक मौतें। - ब्राजील:
रियो ग्रांडे डो सुल क्षेत्र में भारी बाढ़ से व्यापक नुकसान। - अमेजन बेसिन:
सूखा और झाड़ियों में आग ने गंभीर पर्यावरणीय नुकसान पहुंचाया। - पूर्वी अफ्रीका:
भारी बारिश और बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया।
जलवायु परिवर्तन का बढ़ता असर
रिपोर्ट ने बताया कि समुद्र की सतह का बढ़ता तापमान और ग्लोबल वार्मिंग जल संकट को और बढ़ा रहे हैं।
- 2024 में अब तक के सबसे अधिक औसत भूमि तापमान दर्ज किए गए।
- 34 देशों में रिकॉर्ड-तोड़ गर्मी।
- अत्यधिक शुष्क महीनों और भारी बारिश की घटनाओं में वृद्धि।
- झीलों और जलाशयों के जलस्तर में लगातार गिरावट।
2025 में चरम जलवायु का खतरा
रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि 2025 में सूखा और बाढ़ जैसी चरम घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
- सूखे के खतरे वाले क्षेत्र: दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी और उत्तरी अफ्रीका, मध्य एशिया।
- बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्र: साहेल, यूरोप और एशिया।
समाधान की जरूरत
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस नीतियां।
- जल प्रबंधन और संरक्षण के उपाय।
- वैश्विक सहयोग और हरित ऊर्जा का विस्तार।